नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा जिसमें हरियाणा को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को राष्ट्रीय राजधानी के लिए जारी करे, ताकि यहां का जल संकट दूर किया जा सके।
उच्चतम न्यायालय की वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति पी. के. मिश्रा और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ द्वारा मामले की सुनवाई किये जाने की संभावना है।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी की याचिका में केंद्र, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पक्षकार बनाते हुए कहा गया है कि पानी की उपलब्धता जीवन के लिए बहुत आवश्यक है और यह बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘पानी की उपलब्धता किसी भी व्यक्ति के बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है। पानी न केवल जीने के लिए आवश्यक है, बल्कि पानी तक पहुंच संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन की गारंटी का एक अनिवार्य घटक भी है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘वर्तमान जल संकट भीषण गर्मी होने तथा पानी की निरंतर कमी के कारण और भी बदतर हो सकता है तथा यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लोगों के सम्मानजनक एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन है, जो पर्याप्त स्वच्छ पेयजल प्राप्त करने में असमर्थ हैं।’’