नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) ग्रूनर रिन्यूएबल एनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह गुजरात में 220 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक संपीडित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र लगाएगी।
कंपनी ने बयान में कहा कि गुजरात के नवसारी में लगने वाले सीबीजी संयंत्र से किफायती कच्चे माल का उपयोग करके प्रतिदिन 44 टन बायोगैस (टीपीडी) का उत्पादन होने की उम्मीद है। यह सालाना 16,000 टन से अधिक बायोगैस के उत्पादन के बराबर है।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय कंपनी ने कहा कि इस संयंत्र में कच्चे माल के तौर पर धान, चीनी कारखाने से निकलने वाले अवशिष्ट (प्रेसमड), पेराई के बाद गन्ने का सूखा हुआ अवशिष्ट (खोई) और शहरी क्षेत्र से निकलने वाले ठोस अवशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) का इस्तेमाल किया जाएगा।
कंपनी ने कहा, ‘‘एक प्रमुख कारोबारी समूह के साथ मिलकर हम गुजरात के नवसारी में एशिया का सबसे बड़ा संपीडित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस संयंत्र की अनुमानित लागत लगभग 220 करोड़ रुपये है।’’
ग्रूनर रिन्यूएबल एनर्जी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि नवसारी जैसे सीबीजी संयंत्रों की स्थापना से देश के कच्चे तेल के आयात बिल में उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की दिशा में मदद मिलेगी।