नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) दूरसंचार उद्योग के निकाय सीओएआई ने बुधवार को उम्मीद जताई कि नई सरकार 5जी नेटवर्क विस्तार के लिए छह गीगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी और बड़े ऐप्स की वजह से पैदा हुए भारी डेटा ट्रैफिक को देखते हुए ‘उचित हिस्सेदारी डेटा नेटवर्क उपयोग नीति’ को लागू करेगी।
सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने बुधवार को केंद्र में नवगठित सरकार के लिए अपनी मांगों की प्राथमिकता सूची जारी की। इसके सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य सेवा प्रदाता शामिल हैं।
सीओएआई ने वैश्विक दूरसंचार उद्योग निकाय जीएसएमए की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत छह गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के उपयोग से 5जी नेटवर्क को अपनाने में सालाना 10 अरब डॉलर तक की बचत कर सकता है।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने सरकार से स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण और संबंधित राजस्व चिंताओं के बारे में उद्योग के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों पर विचार करने का भी अनुरोध किया।
सीओएआई ने एक उचित हिस्सेदारी डेटा नेटवर्क उपयोग नीति को लागू करने की अपनी मांग भी दोहराई। गूगल, फेसबुक, नेटफ्लिक्स जैसे बड़े मंचों पर डेटा ट्रैफिक अत्यधिक है और ये कंपनियां इसके एवज में अपने राजस्व का एक हिस्सा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को देती हैं।
कोचर ने कहा, ‘‘इन बड़ी कंपनियों की सेवाएं हर दिन बड़ी मात्रा में टेराबाइट डेटा की खपत करती हैं और सदस्यता शुल्क एवं विज्ञापन लागत के रूप में अर्जित राजस्व को अपने मूल देशों में वापस भेज देती हैं।’’
सीओएआई का अनुमान है कि दूरसंचार नेटवर्क पर डेटा बोझ में वृद्धि और बड़ी डेटा उपभोग वाली कंपनियों द्वारा अर्जित राजस्व सरकारी खजाने में 10,000 करोड़ रुपये के बराबर है।