एबी-पीएमजेएवाई के पुनर्गठन से स्वास्थ्य बजट बढ़ाने तक: विशेषज्ञों ने केंद्र की प्राथमिकताएं गिनाई
Focus News 29 June 2024नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) आयुष्मान भारत योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के पुनर्गठन से लेकर डिजिटल स्वास्थ्य मिशन में तेजी लाने तक स्वास्थ्य देखभाल सुधारों की अत्यावश्यकता को पर जोर देते हुए विशेषज्ञों और उद्योग जगत के दिग्गजों ने नरेन्द्र मोदी सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया है।
उनके बयान निवारक स्वास्थ्य देखभाल उपायों को प्राथमिकता देने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च को बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।
स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि क्या सरकार अपने नए कार्यकाल में देश में स्वास्थ्य सेवा पर सार्वजनिक व्यय को वांछित स्तर तक बढ़ाकर कोई बदलाव लाएगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी)-2017 में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का वादा किया गया है, लेकिन इस वादे को अभी पूरा नहीं किया गया है। वहीं, भारतीय निजी सेवाओं पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
एएचपीआई (एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स, इंडिया) के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने कहा, ‘‘आगामी कार्यकाल में हम सरकार से ‘स्वस्थ भारत’ को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देने का आग्रह करते हैं। इसमें स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए निवारक स्वास्थ्य उपायों को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें निवारक स्वास्थ्य शिक्षा और स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों का तेजी से कार्यान्वयन शामिल है।’’
डॉ. ज्ञानी ने कहा कि ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को तेज करना, व्यावसायिक स्वास्थ्य योजनाओं को मजबूत करना और एसईसीसी-2011 के सभी लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए आयुष्मान भारत योजना का पुनर्गठन करना भी महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने टियर-तीन के शहरों में तृतीयक देखभाल सुविधाएं स्थापित करने, चिकित्सा उपकरणों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने का जिक्र किया।
उन्होंने बढ़े हुए सरकारी खर्च के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन में तेजी लाने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
‘उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स’ के अध्यक्ष और निदेशक पी. घोषाल ने कहा, ‘‘हम नव-निर्वाचित सरकार के तहत अगले पांच साल के कार्यकाल की शुरुआत कर रहे हैं, इसलिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में परिवर्तन को बढ़ावा देने और लाखों लोगों के जीवन को उन्नत बनाने का अवसर है।
घोषाल ने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई जैसी पहलों के साथ स्वास्थ्य देखभाल खर्च में वृद्धि सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों को लाभ पहुंचा सकती है, हालांकि मूल्य निर्धारण संरचनाओं में समायोजन की आवश्यकता है। स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े कर्मचारियों की कमी को दूर करने और नियामकीय राहत प्रदान करने (विशेष रूप से जीएसटी इनपुट क्रेडिट में) से बोझ कम हो जाएगा।
‘रीजेंसी हेल्थ’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अभिषेक कपूर ने कहा कि नई सरकार के सामने सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
कपूर ने कहा, ‘‘लंबी अवधि के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, चिकित्सा शिक्षा के विस्तार और स्वास्थ्य बीमा में राजकोषीय सुधारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक प्रारूप आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवा बजट को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाना प्रगति के लिए अहम है।’’