एडिलेड टेस्ट की निराशा को भुलाने से वापसी करने में मदद मिली थी: रहाणे

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मुंबई, 28 जून (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के 2020-21 के दौरे में भारत की चमत्कारिक वापसी के सूत्रधार रहे अजिंक्य रहाणे ने कहा कि एडिलेड टेस्ट की निराशा से उबरकर एकजुट होने से श्रृंखला में वापसी करने में मदद मिली थी।

भारतीय टीम तब एडिलेड में खेले गए दिन रात्रि टेस्ट मैच में 36 रन पर आउट हो गई थी जो उसका टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर भी है। भारत ने इसके बाद शानदार वापसी करके श्रृंखला 2-1 से जीती थी।

नियमित कप्तान विराट कोहली के निजी कारणों से स्वदेश लौटने के बाद रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी। भारत ने मेलबर्न और ब्रिस्बेन में खेले गए टेस्ट मैच जीते थे और सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराया था।

रहाणे ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मैं वास्तव में 36 रन पर आउट होने के निराशाजनक प्रदर्शन को भूलना चाहता था और जल्द से जल्द सकारात्मक होना चाहता था। उस समय हम सभी आहत थे। वह एक बुरे सपने की तरह था। लेकिन जब मैं अगली सुबह उठा तो मुझे एहसास हुआ कि वास्तव में ऐसा हुआ है।’’

रहाणे ने कहा कि इस तरह की पराजय के बाद मानसिक रूप से उबरना बेहद महत्वपूर्ण था।

उन्होंने कहा,, ‘‘अपने साथियों से बात करने से पहले मैंने आधे घंटे खुद से बात की और खुद को समझाने की कोशिश की कि चलिए वर्तमान में रहते हैं और परिणाम या नतीजे पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं।’’

रहाणे ने इसके बाद तय किया कि अगले दो दिन तक क्रिकेट के बारे में नहीं सोचना है। उन्होंने यही संदेश अपने साथी खिलाड़ियों को भी दिया।

उन्होंने कहा,‘‘मैंने अपने साथी खिलाड़ियों से भी यही बात की कि अगले दो दिन क्रिकेट को लेकर बात नहीं करते हैं और खुद पर किसी तरह का मानसिक दबाव नहीं बनाते हैं। हम मेलबर्न में मिलेंगे और वहां से श्रृंखला की नई शुरुआत करेंगे। हमने इसके बाद अगले तीन टेस्ट पर ध्यान दिया और इससे हमें वापसी करने में मदद मिली।’’

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