फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की, भाजपा नेतृत्व से करेंगे

मुंबई, संसदीय चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा के लोकसभा सदस्यों की संख्या 23 से नौ पर आने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को पद से इस्तीफा देने की पेशकश की ताकि वह विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के कामकाज पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

उन्होंने कहा, “मैं महाराष्ट्र के नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं। मैं पार्टी नेतृत्व से अनुरोध करता हूं कि मुझे सरकार में जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए ताकि मैं आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए पूरा समय काम कर सकूं।”

अब से छह महीने से भी कम समय में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।

उन्होंने कहा, “इस परिणाम की पूरी जिम्मेदारी मेरी है। मैं मानता हूं कि इस सबमें कहीं न कहीं मेरी कमी रही है और मैं इस कमी को दूर करने का पूरा प्रयास करूंगा”

फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र में भाजपा को जो झटका लगा है, उसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। अब मैं विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और इसीलिए मैं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध करने जा रहा हूं कि मुझे सरकार में मेरी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए और पार्टी में पूर्णकालिक रूप से काम करने का मौका दिया जाए।”

उन्होंने कहा, “मैं जल्द ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने जा रहा हूं और वे जो भी कहेंगे, मैं वही करूंगा।”

फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ समन्वय को लेकर मुद्दे हैं।

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और सहयोगी दलों को लगे झटके के बाद फडणवीस द्वारा इस्तीफे की पेशकश करना ‘नाटक’ है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि फडणवीस एक “असंवैधानिक सरकार” चला रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह दो पार्टियों को तोड़कर सत्ता में लौटे हैं।

महाराष्ट्र में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार नीत राकांपा की ‘महायुति’ (गठबंधन) को कुल 48 में से 17 लोकसभा सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) को 30 सीट पर जीत हासिल हुई।

कांग्रेस ने 13, शिवसेना (यूबीटी) ने नौ और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने आठ सीट जीतीं।

वहीं, भाजपा ने नौ, शिवसेना ने सात और राकांपा ने सिर्फ एक सीट जीती, जिससे महायुति की सीटों की संख्या 17 हो गई।