निर्यातकों के संगठन ने गोयल से सभी के लिए आईईएस लाभ बहाल करने का आग्रह किया

0

कोलकाता, 29 जून (भाषा) निर्यातकों के एक संगठन ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर ब्याज समानीकरण योजना (आईईएस) को केवल दो महीने के लिए और केवल एमएसएमई के लिए बढ़ाए जाने पर चिंता जताई है।

फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि इस योजना से अब तक न केवल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को लाभ मिला है, बल्कि व्यापारी निर्यातकों और बड़ी विनिर्माण कंपनियों को भी 410 टैरिफ लाइनों के लिए दो प्रतिशत की कम दर पर लाभ मिला है, जिसमें श्रम-गहन उत्पाद शामिल हैं।

जून तक वैध वर्तमान योजना, निर्यात से पहले और बाद में रुपए में निर्यात ऋण उपलब्ध कराती है, निर्दिष्ट 410 निर्यात वस्तुओं से संबंधित विनिर्माताओं और व्यापारिक निर्यातकों के लिए दो प्रतिशत ब्याज समतुल्यता दर प्रदान करती है, तथा इनमें से किसी भी वस्तु के अंतर्गत निर्यात करने वाले एमएसएमई विनिर्माताओं के लिए तीन प्रतिशत की उच्च दर प्रदान करती है।

कुमार ने बताया कि विस्तारित योजना से इन श्रेणियों को बाहर रखने से श्रम-प्रधान निर्यात पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जो हाल के वर्षों में पहले से ही संघर्षरत है।

उन्होंने निर्यात क्षेत्र की चुनौतियों का हवाला देते हुए मंत्री से हस्तक्षेप करने और यथास्थिति बहाल करने का आग्रह किया। इन चुनौतियों में बढ़ी हुई माल ढुलाई दरें, लंबी यात्रा अवधि और बढ़ती ब्याज दरें शामिल हैं।

कुमार ने कहा कि आईईएस लाभ वापस लेने से निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता कम हो जाएगी और वृद्धि की गति में बाधा आएगी।

योजना के लाभों को उच्च दर पर बढ़ाने की फियो की मांग के विपरीत, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने लाभों को एमएसएमई तक और योजना के कुल परिव्यय को 750 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *