एस्सार समूह गुजरात में हरित हाइड्रोजन संयंत्र में 30,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा
Focus News 16 June 2024नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) एस्सार समूह गुजरात के जामनगर में हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए अगले चार साल में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।
धातु से लेकर बुनियादी ढांचे तक, विविध क्षेत्रों में काम करने वाला यह समूह अपनी वृद्धि के लिए स्वच्छ ऊर्जा को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में देख रहा है।
समूह के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने वाली एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने कहा कि समूह ब्रिटेन में अपनी तेल रिफाइनरी में कार्बन उत्सर्जन कम करने, सऊदी अरब में एलएनजी और इलेक्ट्रिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर विचार कर रहा है।
समूह मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी, सौर पैनल और विंड-टर्बाइन मैग्नेट में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों के खनन कारोबार में प्रवेश करने पर भी विचार कर रहा है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि एस्सार फ्यूचर एनर्जी ने अगले चार वर्षों में जामनगर में एक गीगावाट हाइड्रोजन क्षमता के साथ ही 10 लाख टन प्रति वर्ष की संबद्ध हरित मॉलेक्यूल्स क्षमता विकसित करने की योजना बनाई है।
रुइया ने कहा, ‘‘हम जामनगर में हरित हाइड्रोजन परियोजना में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं।’’
एस्सार अपनी सहयोगी कंपनी एस्सार रिन्यूएबल्स के जरिये 4.5 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग पानी के अणुओं को विभाजित करने के लिए करेगा, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा।
हाइड्रोजन दुनिया में ऊर्जा का सबसे स्वच्छ स्रोत है, जिसका उपयोग वाहन चलाने, बिजली पैदा करने, उद्योगों को बिजली देने और घरों को गर्म रखने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विचार यह है कि हरित अमोनिया के बजाय ऐसे ग्रीन मॉलेक्यूल्स बनाए जाएं, जिन्हें सीधे ले जाया जा सके। ग्रीन अमोनिया को ले जाकर उसे हाइड्रोजन में बदला जाता है। इसकी लागत बहुत अधिक है। इसलिए हम एक ऐसा परिसर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो हाइड्रोजन से ग्रीन मॉलेक्यूल्स बना सके और बड़े पैमाने पर जैव ईंधन का निर्यात किया जा सके।”
समूह कुछ बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों को बेचने के बाद 2022 में कर्ज मुक्त हो गया था। उसने अब नवीकरणीय ऊर्जा मंच बनाने के साथ ही कोयले से बिजली पैदा करने की अपनी क्षमता बढ़ाने का फैसला भी किया है।
रुइया ने कहा, ‘‘अगले 3-5 वर्षों में लगभग 10,000 मेगावाट तक बढ़ने का विचार है।’’
उन्होंने कहा कि हरित परिवहन समाधान के क्षेत्र में, एस्सार लंबी दूरी के भारी ट्रक को कार्बन उत्सर्जन मुक्त करने के लिए एलएनजी और इलेक्ट्रिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि समूह के पास 450 से 500 एलएनजी संचालित ट्रकों का बेड़ा है, जिनका उपयोग विभिन्न लॉजिस्टिक जरूरतों के लिए किया जाता है। ट्रक सड़क पर सबसे अधिक प्रदूषण करते हैं। इनसे प्रति ट्रक लगभग 110 टन कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होता है। देश में 40 लाख ट्रक हैं और निकट भविष्य में यह संख्या दोगुनी होने वाली है। ट्रकों में डीजल की जगह एलएनजी का इस्तेमाल करने से कार्बन उत्सर्जन में 30-35 प्रतिशत की कमी आती है।
उन्होंने बताया इसके अलावा समूह इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दे रहा है। इस तरह कार्बन उत्सर्जन में लगभग 60-70 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।
इसके अलावा, समूह पश्चिम बंगाल में एक ब्लॉक से कोयला सीम से गैस का उत्पादन कर रहा है। समूह की इकाई एस्सार ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन लिमिटेड (ईओजीईपीएल) कोल बेड मीथेन उद्योग में भारत की अग्रणी कंपनी है। यह कंपनी देश के कुल कोल बेड मीथेन उत्पादन में लगभग 65 प्रतिशत का योगदान देती है। कंपनी ने अगले पांच साल में भारत के कुल गैस उत्पादन में अपना योगदान बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया है।