न्यूयॉर्क में बल्लेबाजी करना रणजी ट्रॉफी जैसा था: दुबे

न्यूयॉर्क, 13 जून (भाषा) भारत में सपाट पिचों पर बल्लेबाजी करने के आदी हरफनमौला शिवम दुबे ने स्वीकार किया कि यहां टी20 विश्व कप मैचों के दौरान दो गति वाली पिचों से सामंजस्य बैठाने में उन्हें काफी परेशानी हुई।

दुबे ने कहा कि इन पिचों से उन्हें ऐसा लग रहा था कि वह रणजी ट्रॉफी खेल खेल रहे हों।

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने बुधवार को अमेरिका के खिलाफ टी20 विश्व कप के मैच मुश्किल हालात में 35 गेंद में 31 रन की नाबाद पारी खेल भारत की सात विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई।

इस जीत के साथ ही भारत ने सुपर आठ में अपनी जगह पक्की कर ली।

दुबे ने यहां नासाउ काउंटी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयरलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी लगातार विफलताओं के बारे में कहा, ‘‘मैं फॉर्म से जूझ रहा था और प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर रहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझ पर कोई दबाव नहीं था। सभी सहयोगी स्टाफ और कोच ने मेरा समर्थन किया और मुझसे कहा, ‘यह मुश्किल है, लेकिन तुम्हारे पास छक्के मारने की क्षमता है, इसलिए कोशिश जारी रखो’।’’

 दुबे ने कहा, ‘‘ मैंने अतीत में जो किया है उस लेकर कभी खुद पर संदेह नहीं किया है। मैं बस यही सोचता हूं कि ये परिस्थितियां उस चीज की मांग नहीं करतीं जो मैंने सीएसके के लिए किया था। इन परिस्थितियों में एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, इसलिए मैं आज अलग तरह से बल्लेबाजी कर रहा था।’’

दुबे को रिजर्व में मौजूद एक अन्य पावर-हिटर रिंकू सिंह से पहले अपने चयन को सही साबित करने के लिए अब भी एक लंबा रास्ता तय करना है।

दुबे विश्व कप टीम में जगह बनाने के बाद आईपीएल में पांच पारियों में सिर्फ 36 रन ही बना सके थे। उनकी मुश्किलें विश्व कप में भी जारी रहीं, जहां वह बुधवार को अंतत: संयमित पारी खेलने से पहले तीन मैचों में (बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में 14, आयरलैंड के खिलाफ शून्य और पाकिस्तान के खिलाफ तीन रन) विफल रहे थे।

जीत के लिए 111 रन के छोटे लेकिन मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत 44 रन पर तीन विकेट गंवाकर मुश्किल में था।  दुबे को भी मुश्किल का सामना करना पड़ा और शुरूआती कुछ गेंदों में उनकी टाइमिंग अच्छी नहीं थी। उन्होंने अपना खाता खोलने के लिए छह गेंदें लीं। वह 15 गेंदों में नौ रन बनाने के बाद 5वें ओवर में कोरी एंडरसन की गेंद पर 87 मीटर लंबा छक्का लगाने में सफल रहे।

दुबे ने छक्के के इंतजार के बारे में मजाक करते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगा जैसे रणजी ट्रॉफी खेल रहा हूं। मैं सफेद गेंद प्रारूप के बारे में नहीं सोच रहा था।’’

बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ पस्थितियां तय करती हैं कि आप यहां कैसे खेलना चाहते हैं। आपको छक्का मारने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ शॉट चुनना होगा।  मैं उस मौके का इंतजार कर रहा था।’’

उन्होंने स्वीकार किया, ‘‘ इस पिच पर पहली गेंद से बड़ा शॉट मारना आसान नहीं है। आपको अपना समय लेना होगा।’’