नयी दिल्ली, फिल्म निर्देशक आदित्य सरपोतदार का कहना है कि फिल्म ‘मुंज्या’ के बजट का 50 प्रतिशत ‘विजुअल इफेक्ट्स’ (वीएफएक्स) पर खर्च किया गया है।
ब्रिटिश कंपनी डीएनईजी, ने मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित फिल्म पर काम करने के लिए टीम के साथ सहयोग किया। डीएनईजी को ‘ड्यून’, ‘जस्टिस लीग’ और ‘एक्वामैन’ जैसी हॉलीवुड फिल्मों के लिए जाना जाता है।
निर्देशक और उनकी टीम ने डीएनईजी के साथ मिलकर ‘कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी’ (सीजीआई) का उपयोग करके भयावह और शैतानी किरदारों को तैयार करने के लिए लगभग एक साल तक काम किया।
सरपोतदार ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया ‘‘फिल्म की 50 प्रतिशत लागत वीएफएक्स पर खर्च की गई थी। और यह एक बड़ी संख्या है। यह (निर्माताओं का) दृढ़ विश्वास या वीएफएक्स का महत्व (फिल्म में) है… हमने सीजीआई और वीएफएक्स स्पेस से एक किरदार रचा जो बहुत सारे शोध और परिश्रम से आया है।’’
उन्होंने कहा, स्क्रिप्ट से लेकर फिल्म तैयार होने तक, यह दो साल की प्रक्रिया थी।
कहानी मैडॉक के साथ मिलकर योगेश चांदेकर द्वारा लिखी गई थी|
‘मुंज्या’ मराठी लोककथाओं पर आधारित फिल्म है। इसमें भारतीय आस्था और सांस्कृतिक प्रणाली की दुनिया से इसी नाम के पौराणिक प्राणी की कहानी को दर्शाया गया है। इसमें शरवरी, मोना सिंह, अभय वर्मा और सत्यराज मुख्य किरदारों में हैं।
फिल्मकार ने कहा कि ‘मुंज्या’ शब्द मराठी शब्द ‘मुंज’ से आया है, जिसका अर्थ महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समुदाय में लड़कों के यज्ञोपवित संस्कार से है।
सरपोतदार सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख अभिनीत ‘काकुडा’ पर भी काम कर रहे हैं।