धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, उत्तराखंड के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की

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नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य हित में लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति दिये जाने का अनुरोध किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से निर्माण कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में क्षतिपूरक पौधरोपण के लिए वन भूमि हस्तांतरण को व्यवहारिक बनाये जाने, मानसखंड मन्दिर माला मिशन के लिए एक हजार करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने और उत्तराखण्ड में प्रस्तावित तीन सुरंग परियोजनाओं को स्वीकृति देने का अनुरोध किया।

धामी ने मोदी को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं और विश्वास व्यक्त किया कि उनके कुशल नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त कर सम्पूर्ण विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को महासू मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।

धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उत्तराखंड राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए जल विद्युत परियोजनायें राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का मुख्य कारक हैं और राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्तराखंड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ती है, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भागीरथी तथा सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अन्तिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुर्नसमीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया ।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से उत्तराखंड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिये देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय से करवाने के लिए अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में प्रस्तावित ज्योलिकांग-वेदांग, सीपू-तोला और मिलम- लैपथल सुरंग परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध किया।

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