मुंबई, पांच जून (भाषा) महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने 15 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से सात पर उसे जीत मिली है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का राजनीतिक क्षेत्र ठाणे भी शामिल है, लेकिन उनकी पार्टी मुंबई में दो सीट अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) से हार गई।
शिंदे की अगली चुनौती इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव होंगे। अगला विधानसभा चुनाव तय करेगा कि 2022 में पार्टी में विभाजन के बाद कौन सा गुट “असली” शिवसेना है।
शिवसेना 15 सीट में से 13 पर अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीधे मुकाबले में थी और उनमें से छह सीट पर उसे जीत मिली है। ये सीट ठाणे, कल्याण, हातकणंगले, बुलढाणा, औरंगाबाद और मावल हैं।
शिवसेना को मुंबई दक्षिण और मुंबई दक्षिण मध्य निर्वाचन क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से उसके उम्मीदवार ने 48 मतों के मामूली अंतर से सीट बरकरार रखी। मुंबई में ही वर्ष 1966 में पार्टी का जन्म हुआ था।
वर्ष 2019 में तत्कालीन अविभाजित शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में 23 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और 18 पर जीत हासिल की थी।
हालांकि, दो साल पहले विभाजन के बाद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 15 सीट पर चुनाव लड़ा।
शिंदे ने सत्तारूढ़ महायुति को हुए नुकसान के लिए विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे इस प्रचार को जिम्मेदार ठहराया कि ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार आने के बाद संविधान को बदल दिया जाएगा।’
उन्होंने कहा, “हम मतदाताओं का संदेह दूर करने में विफल रहे। हमारी हार वोट बैंक की राजनीति के कारण भी हुई।”