नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के संगठन नारेडको ने कहा कि नयी सरकार को रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को लेकर नीतिगत सुधार करने के साथ आवास मांग को बढ़ावा देने के लिए मकान खरीदारों के साथ-साथ डेवलपर को कर प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने परियोजनाओं के विकास के लिए अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की भी मांग की।
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘ रियल एस्टेट क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जिसमें वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं, लेकिन कई बड़ी चुनौतियां भी हैं। 2030 तक 1000 अरब अमेरिकी डॉलर के बाजार आकार तक पहुंचने और 2047 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उद्योग बनने के लिए हमें सरकारी समर्थन की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई आवास ऋण मासिक किस्त से निपटने के लिए प्रमुख नीतिगत सुधारों को लागू करना और स्थिरता प्रोत्साहन शुरू करना आवश्यक है।
हरि बाबू ने कहा कि इसके अतिरिक्त वित्तीय सीमाओं को समायोजित करके तथा बिल्डर के लिए प्रोत्साहन प्रदान करके किफायती आवास को अधिक सुलभ बनाना विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र खासकर किफायती आवासीय क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए विशिष्ट नीतिगत सुधार आवश्यक हैं।
हरि बाबू ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि और स्थिरता को समर्थन देने के लिए नीतिगत सुधार तथा प्रोत्साहन लागू करेगी। इन सुधारों में पर्यावरण अनुकूल निर्माण गतिविधियों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और किफायती आवास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले डेवलपर के लिए सब्सिडी या कर छूट शामिल हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि विनियामक बाधाओं को कम करने और अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से इस क्षेत्र के वृद्धि को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के साथ-साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि नई सरकार मेट्रो तथा बड़े शहरों से परे बुनियादी ढांचे के विकास और रियल एस्टेट क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, क्योंकि इनका अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।’’
अग्रवाल ने उम्मीद जतायी कि नई सरकार नए आयकर नियमों में आवास ऋण पर आयकर लाभ भी शामिल करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही हमें यह भी उम्मीद है कि नई सरकार क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करने पर काम करेगी और जीएसटी परिषद को डेवलपरों और खरीदारों दोनों पर जीएसटी का भार कम करने के लिए तैयार करेगी।”
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘ विकास पर विशेष ध्यान देने वाली स्थिर सरकार और परिसंपत्तियों के निर्माण पर व्यय में वृद्धि से वैश्विक निवेशकों का विश्वास मजबूत होता है, जो भारत में विकल्पों के व्यापक प्रसार की उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ ही एक मजबूत विपक्ष हमेशा एक जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करता है।’’