नयी दिल्ली, लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत मिलने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को यहां एक बैठक में सरकार गठन के मुद्दे पर मंथन शुरु किया। राजग को मंगलवार को बहुमत मिलने के साथ ही नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया था।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान उन नेताओं में शामिल हैं, जो इस बैठक में शामिल हैं। इन नेताओं के अलावा भाजपा और उसके अन्य सहयोगी दलों के शीर्ष नेता भी इस बैठक में शामिल हुए हैं।
तेदेपा, जद (यू), शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और लोजपा (रामविलास) ने क्रमश: 16, 12, सात और पांच लोकसभा सीट जीती हैं और ये दल सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में राजग नेताओं के औपचारिक रूप से मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त करने की उम्मीद है और गठबंधन के घटक दलों के सांसद उन्हें अपने नेता के रूप में चुनने के लिए कुछ दिनों में बैठक कर सकते हैं।
दिल्ली पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा, ‘‘मैं यहां कुछ मांगने नहीं आया हूं। मैं यहां सरकार बनाने में मोदीजी का समर्थन करने आया हूं। मोदी जी को बहुमत मिला है। मोदीजी के नेतृत्व में राजग सरकार बनाएगा।’’
शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन गठबंधन के कुछ सदस्यों का मानना है कि अगर नई सरकार की रूपरेखा जल्द तैयार हो जाती है, तो यह (शपथ ग्रहण) सप्ताहांत तक हो सकता है।
ऐसी चर्चा है कि सरकार गठन के सिलसिले में तेदेपा और जद(यू) जैसे दलों की ओर से कुछ महत्वपूर्ण विभागों की मांग की जा सकती है, क्योंकि उनका समर्थन सरकार के गठन और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होगा।
इस बार नयी सरकार की सूरत बदली-बदली नजर आने की संभावना है, क्योंकि भाजपा को अपनी बदौलत बहुमत नहीं मिला है और उसे अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
राजग 290 से अधिक सीट हासिल कर 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के लिये जरूरी 272 के जादुई आंकड़े को पार कर गया है। हालांकि, भाजपा 2014 के बाद पहली बार अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने से पीछे रह गई है।