बीआईआई तीन साल में भारत के ईवी पारिस्थितिकी तंत्र में 30 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट (बीआईआई) भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र पर बड़ा दांव लगा रही है।

ब्रिटेन के विकास वित्त संस्थान बीआईआई के प्रबंध निदेशक एवं प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार प्रमुख अभिनव सिन्हा ने कहा कि हम भारत के ईवी पारिस्थितिकी तंत्र में अगले तीन साल में 30 करोड़ डॉलर का और निवेश करेंगे।

बीआईआई ने महिंद्रा समूह की इलेक्ट्रिक वाहन इकाई को अपना समर्थन दिया है। इसके अलावा यूलर मोटर्स, टर्नो और बैटरी स्मार्ट जैसी अन्य स्टार्टअप कंपनियों को भी बीआईआई से सहयोग मिला है। बीआईआई पहले ही भारत के ईवी क्षेत्र में 30 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुकी है। उसे भारत के ईवी विनिर्माण, कलपुर्जों और वित्तपोषण क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं।

सिन्हा ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ भारत काफी विकसित वाहन बाजार है… ईवी के मामले में अभी इसकी पैठ बाकी दुनिया से पीछे है… भारत में (कुल मिलाकर) ईवी की पहुंच लगभग छह प्रतिशत है। हमें उम्मीद है कि इसका काफी आसानी से विस्तार किया जा सकता है। काफी तेजी से इस पहुंच को दोगुना किया जा सकता है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘आज चीन सबसे आगे हैं। लेकिन हमें लगता है कि भारत आज जहां है उसके काफी आगे जा सकता है। हम भारत को लेकर काफी उत्साहित हैं।’’

उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत के सार्वजनिक परिवहन में ईवी की पहुंच ‘बड़े पैमाने’ पर होगी। यात्री (इलेक्ट्रिक) कारों का भी आकर्षण बढ़ेगा। बड़ी संख्या में लोग इन्हें अपनाएंगे।

सिन्हा ने कहा, ‘‘भले ही भारत, चीन से आगे नहीं निकले। लेकिन सरकार इस क्षेत्र को जिस तरह से प्रोत्साहन दे रही है, मुझे लगता है कि यह यूरोप और अमेरिका से आगे होगा।’’

भारत में बीआईआई के निवेश पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस पूरे ईवी क्षेत्र में अबतक 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया है… हमने भारत में महिंद्रा को उनके ईवी मंच पर समर्थन दिया है और यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण निवेश है। यह लगभग 25 करोड़ डॉलर है।’’

उन्होंने बताया कि इसके अलावा बीआईआई ने वाणिज्यिक ईवी विनिर्माता यूलर मोटर्स, टर्नो और बैटरी स्मार्ट में भी निवेश किया है।

आगे बीआईआई के निवेश के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, ‘‘कोई आंकड़ा देना मुश्किल है। पिछले तीन साल में हमने 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। आगे भी हमारा निवेश इतना ही रहने की उम्मीद है।’’