आज के युग में मोबाइल फोन के बिना कुछ भी सोचना अब नामुमकिन लगता है। सुबह जागने से लेकर रात को सोने तक यह हमारे साथ रहता है। परिवार चाहे अपने पास रहे या ना रहे परंतु मोबाइल का अपने पास रहना बहुत जरूरी है परंतु आपकी जानकारी के लिए मैं बताऊं कि इसे ज्यादा देर तक शर्ट या जींस की पॉकेट में रखना बेहद खतरनाक है। साथ ही इसका ज्यादा इस्तेमाल अंगूठे और उंगलियों को सुन्न भी कर सकता है।
फोन की घंटी या वाइब्रेशन बढ़ा सकती है ब्लड प्रेशर
मोबाइल फोन का बराबर इस्तेमाल करने वाले लोगों में मोबाइल कॉल अथवा वाइब्रेशन, उनकी हृदय गति को बढ़ा देती है। इन लोगों का ब्लड कॉलेस्ट्रॉल लेवल भी ज्यादा रहता है।अगर उच्च रक्तचाप से ग्रसित कोई व्यक्ति बराबर फोन कॉल उठाता है तो उनका ब्लड प्रेशर 121/77 से 129/82 तक पहुंच सकता है। अब आप सोच सकते हैं कि यह कितना बड़ा अंतर है।
पेसमेकर लगा है तो शर्ट की पॉकेट में ना रखें फोन
चूंकि शर्ट की जेब छाती के पास होती है और अगर किसी की दिल की बीमारी है और पेसमेकर लगा हुआ है तो इसे पॉकेट में मोबाइल या ईयरफोन चार्जिंग रखना जानलेवा साबित हो सकता है। एक सामान्य व्यक्ति के लिए शर्ट में रखा मोबाइल उतना हानिकारक नहीं है जितना पेसमेकर लगे हुए व्यक्ति के शर्ट की जेब में रखा मोबाइल। जो मरीज इस पर पूरी तरह निर्भर है, उनके लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
मोबाइल की रेडिएशन दे सकती है भूलने की बीमारी
तमाम किए गए शोध से यह बात निकल कर आई है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से रेड ब्लड सेल से हीमोग्लोबिन का रिसाव होने लगता है। इससे दिल के रोग और किडनी में पथरी हो सकती है। इसके रेडिएशन दिमाग में प्रोटीन और विषाक्त पदार्थों का रिसाव कर सकते हैं। इससे अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है
मोबाइल का लगातार एवं बराबर इस्तेमाल अंगूठे और अंगुलियों को बिजी रखता है। इससे क्यूबिटल टनल सिंड्रोम भी हो सकता है।दरअसल मोबाइल यूज करते समय कोहनियां बार-बार मुड़ती है। इसका प्रभाव कोशिकाओं पर पड़ता है। इससे हाथ सुन पड़ जाते हैं या उन्हें मोड़ना मुश्किल हो जाता है। चीजों को पकड़ने में भी परेशानी होने लगती है।
पुरुषों के पापा बनने में भी हो सकती है दिक्कत
तमाम शोध में यह पाया गया है कि अगर कोई पुरुष अपना मोबाइल फोन रोजाना 4 घंटे लगातार पैंट की जेब में रखता है तो उसका प्रभाव उसके वीर्य पर पड़ता है। इसका लगातार इस्तेमाल वीर्य की गुणवत्ता को घटाता है जिससे स्पर्म काउंट कम होते हैं और कमजोर पड़ जाते है।