लखनऊ, 26 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल विरोधी निंदा प्रस्ताव पेश किये जाने को लेकर बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रति आभार जताया और कहा कि 50 वर्ष बीतने के बाद कांग्रेस के काले कारनामे को जनता तक पहुंचाना आवश्यक है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 में कांग्रेस सरकार के दौरान आपातकाल लगाए जाने की लोकसभा में निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि वह कालखंड काले अध्याय के रूप में दर्ज है ‘‘जब देश में तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया था।”
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आपातकाल के विरोध में एक निंदा प्रस्ताव पारित किया है।
बिरला की इस पहल की सराहना करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि ”मैं इस प्रयास के लिए बिरला जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं। उनको धन्यवाद देते हुए सभी सांसदों को बधाई और प्रस्ताव के लिए आभार प्रकट करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि ”25 जून 1975 को कांग्रेस की सरकार ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में उस संविधान का गला घोंटने का कार्य किया था, जिसकी शपथ लेकर वह देश की प्रधानमंत्री बनी थीं।”
उन्होंने कहा कि ”यह न केवल संविधान का गला घोंटने बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की हत्या करने का भी कुत्सित प्रयास था।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ”50 वर्ष बीतने के बाद कांग्रेस के इस काले कारनामे को जनता तक पहुंचाना आवश्यक है और भारत की संसद ने वही कार्य किया है।”
मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर संकेत करते हुए कहा कि ”कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व जिस तरह संविधान के नाम पर, आरक्षण समाप्त करने के नाम पर देश की जनता को गुमराह कर रहा था, इसके लिए उनके काले कारनामों से देश की जनता को अवगत कराना जरूरी है।”
योगी ने कहा कि ”कांग्रेस भले ही चेहरे बदले हो लेकिन उसका चरित्र अधिनायकवादी, तानाशाही है, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर उसका विश्वास नहीं है।”
उन्होंने कहा कि ”कौन नहीं जानता है कि आजादी के बाद 2014 तक कांग्रेस ने भारत के संविधान में 75 बार संशोधन किया और 90 बार लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गयी राज्य सरकारों को बर्खास्त किया।”
योगी ने बिरला की पहल को साहसिक कदम बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि ”वर्तमान पीढ़ी को देश की संसद अलग-अलग कालखंड में देश के साथ किन लोगों ने क्या व्यवहार किया, इससे अवगत कराने का कार्य करेगी। इससे वर्तमान पीढ़ी कृतज्ञ होगी।”