ठाणे, प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरणविदों ने राजहंसों द्वारा उपयोग की जाने वाली आर्द्रभूमि की रक्षा के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मानव शृंखला बनाकर विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया।
प्रतिभागियों ने प्रदर्शन के दौरान बड़े-बड़े बैनर थाम रखे थे, जिनपर “डीपीएस फ्लेमिंगो लेक को बचाओ” लिखा हुआ था।
प्रतिभागियों ने कहा कि निहित स्वार्थ वाले लोग ज्वारीय जल में बाधा के चलते नेरुल में हर साल हजारों प्रवासी राजहंस को आकर्षित करने वाले 30 एकड़ के जलाशय को खत्म कर रहे हैं, जो बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है।
‘नैटकनेक्ट’ फाउंडेशन के निदेशक बी. एन. कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की जल परिवहन परियोजना के तहत नेरुल जेटी के निर्माण के कारण झील के दक्षिण की ओर मुख्य नहर दब गई है।
उन्होंने कहा, “समय के साथ इस तरह के घटनाक्रम के कारण 10 राजहंसों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। हम पिछले एक महीने से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। सरकार को झील का जीर्णोद्धार करना चाहिए।”
कुमार ने दावा किया कि नैटकनेक्ट फाउंडेशन द्वारा भेजे गए एक पत्र के जवाब में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने झील में पानी रोकने की जांच के आदेश दिए थे, लेकिन जमीन पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है।