केपटाउन, दक्षिण अफ्रीका में बुधवार को आम चुनाव के लिए मतदान प्रारंभ हुआ। इसे देश का 30 वर्षों का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव माना जा रहा है।
इन चुनाव में तीन दशक से प्रमुख रही ‘अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस’ (एएनसी) की प्रतिष्ठा दांव पर है। पार्टी ने दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद के क्रूर श्वेत अल्पसंख्यक शासन से 1994 में बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।
सभी के लिए बेहतर जीवन के नारे के साथ रंगभेद को समाप्त करने का वादा करने वाली इस पार्टी के सामने असमानता, गरीबी और बेरोजगारी जैसी विकट समस्याएं हैं और इनसे परेशान अश्वेत बहुसंख्यकों ने पार्टी को सत्ता से बेदखल करने का चेतावनी दी है।
चुनाव में अगर एएनसी को बहुमत नहीं मिला तो उसे सरकार बनाने और पार्टी के नेता एवं राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को शीर्ष पद पर बनाए रखने के लिए अन्य दल के साथ गठबंधन करना पड़ सकता है। इससे पहले एएनसी को कभी ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।
दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में एक ही दिन में चुनाव होंगे, जिसमें 23,000 से ज़्यादा मतदान केंद्रों पर लगभग दो करोड़ 80 लाख लोग अपने मताधिकारों का प्रयोग करेंगे। चुनाव परिणाम रविवार तक आने की उम्मीद है।