शिक्षा क्षेत्र में सतत प्रयास देश को ‘विकसित भारत’ बनने की ओर बढ़ा रहे हैं: उपराष्ट्रपति धनखड़

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नयी दिल्ली,  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि भारत ज्ञान का केंद्र रहा है और शिक्षा के क्षेत्र में सतत प्रयास देश को 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के करीब ले जा रहे हैं।

उपराष्ट्रपति यहां मुक्त शिक्षा विद्यालय (एसओएल) के 62वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

धनखड़ ने मुक्त शिक्षा विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, आयु समूह के लोगों को शिक्षा प्रदान की है, शिक्षा अंतराल को पाटने में मदद की है तथा समाज के सभी वर्गों को सुगम पहुंच प्रदान की है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज की थीम ‘विकसित भारत के निर्माण में शिक्षा की भूमिका’ ने हमारे राष्ट्र के विकास को मजबूती प्रदान करने में मुक्त शिक्षा की अहम भूमिका को रेखांकित किया है।’’

धनखड़ ने कहा कि एसओएल द्वारा शिक्षा के इस उदारीकरण ने विकसित भारत के निर्माण में तथा वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में देश के उदय में अहम योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थित कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को समाप्त कर दिया गया है और देश की बढ़ती प्रतिष्ठा के प्रति लोगों में सकारात्मक दृष्टिकोण है।

समारोह में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह और एसओएल की निदेशक पायल मागो भी शामिल हुए।