छत्तीसगढ़ में दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरू, मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सदस्य हुये शामिल

रायपुर, 31 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत की। शिविर का उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार करना और राज्य के कामकाज में प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों को शामिल करना है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा तथा उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी हिस्सा ले रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि चिंतन शिविर का लक्ष्य विकसित छत्तीसगढ़ के लिए प्रभावी शासन का विकास करना, संसाधनों का अधिकतम उपयोग और योजनाओं के साथ अभिसरण, संगठनों के साथ सूचना और विचारों का आदान-प्रदान, कार्य संस्कृति में प्रेरणा, टीम भावना और जवाबदेही तय करते हुए एक ऐसे इको सिस्टम का निर्माण करना है जिससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सुनिश्चित हो। साथ ही छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं को वैश्विक मंच पर उजागर करना है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और आईआईएम-रायपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘चिंतन शिविर’ में राज्य के मंत्री विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने और सुशासन की नवीनतम तकनीकों को सीखने के लिए विशेषज्ञों से प्रबंधन के गुर सीखेंगे।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखना और क्षमता निर्माण एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवीनतम प्रबंधन प्रथाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना और समय की मांग के अनुसार अपडेट होना है।

अधिकारियों ने बताया कि शिविर के प्रथम सत्र को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने संबोधित किया।

अपने संबोधन में सुब्रमण्यम ने विकसित भारत की संकल्पना और इसे प्राप्त करने की रणनीति के संबंध में विस्तार से अपनी बातें साझा की। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ा है और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है।

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत 2047 बनाने का संकल्प लिया है और इसे पूरा करने की रणनीति बनाई गई है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। बदलते अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है जिससे भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सके।

उन्होंने कहा कि अब दुनिया की निगाहें ग्लोबल साउथ पर हैं। अब नजरिया पश्चिम से पूर्व की ओर देखने का है और भारत इन संभावनाओं को पूरा करने के लिए सक्षम है।

उन्होंने कहा कि भारत की जनांकिकी, भारत की रणनीतिक स्थिति और भारत में तेजी से हुए सुधारों से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत तैयार है, चाहे डिजिटल इकोनॉमी हो, अथवा कर संबंधी सुधार हो, या नवाचार को बढ़ावा देना हो, भारत इसमें अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इन्हें तेजी से बढ़ाना है। विकसित भारत सबके लिए समृद्धि लेकर आये, इसके लिए कार्य करना है।

सीईओ ने कहा कि क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को देखते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना है।

उन्होंने कहा कि जब हम विजन लेकर चलते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें एक गाइड मैप मिल जाता है और इसके अनुरूप हम बढ़ते जाते हैं।

सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प पूरा करने में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने के लिए और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रियों ने संवाद में भागीदारी करते हुए छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यम के सामने अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं।

अधिकारियों ने बताया कि दो दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान राज्य के सभी मंत्री एक रात आईआईएम में ही रहेंगे तथा देशभर के उच्च संस्थानों के विशेषज्ञ उनकी क्लास लेंगे।

उन्होंने बताया कि इस दौरान देशभर के उच्च संस्थानों जिनमें आईआईएम, आईएसएस, बीआईएसएजी और आईसीसीआर शामिल हैं, के विशेषज्ञ यहां आएंगे।