नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) भारत की बिजली मांग शुक्रवार को चालू सत्र की नई ऊंचाई 239.96 गीगावाट पर पहुंच गई। देश के विभिन्न हिस्सों में पारे के बढ़ते स्तर के कारण एयर कंडीशनर (एसी) और कूलर जैसे उपकरणों के अत्यधिक उपयोग के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग या दिन में सबसे अधिक आपूर्ति शुक्रवार को 239.96 गीगावाट दर्ज की गई, जो इस साल गर्मी के मौसम में अब तक की अधिकतम है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को यह 236.59 गीगावाट थी, जबकि बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग 235.06 गीगावाट थी।
बिजली की मांग का सर्वकालिक उच्च स्तर 243.27 गीगावाट सितंबर, 2023 में दर्ज किया गया था। इस गर्मी के मौसम में यह रिकॉर्ड टूट सकता है।
इसी महीने बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के दौरान 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट और जून, 2024 के लिए दिन के दौरान 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया था।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि मई में बिजली की मांग पहले से ही 240 गीगावाट के स्तर के आसपास है, जिसका अनुमान बिजली मंत्रालय ने जून महीने के लिए लगाया था। उन्होंने राय दी कि बिजली की मांग और बढ़कर सर्वकालिक उच्च स्तर को पार कर सकती है।
इसके अलावा, बिजली मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया है कि इस गर्मी के मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल, 2024 में अधिकतम बिजली की मांग 224.18 गीगावाट थी, जब देश के विभिन्न हिस्सों में गर्मी के मौसम की शुरुआत हुई थी। मार्च में यह 221.82 गीगावाट, फरवरी में 222.16 गीगावाट और जनवरी में 223.51 गीगावाट थी।
मई के दौरान, अधिकतम आपूर्ति छह मई को 233 गीगावाट और 21 मई को 233.80 गीगावाट तक पहुंच गई। पिछले साल मई में यह 221.42 गीगावाट दर्ज की गई थी।