जिंदगी का सफर, आसान भी खूबसूरत भी

How-To-Successfully
तुझसे बस तेरा ही पता चाहे,
जिंदगी तुझसे और क्या चाहे।
 
इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं कि यह जिन्दगी आपकी है और आपका पूरा हक़ बनता है कि आप अपनी जिंदगी को अपने अंदाज़ में और अपने हिसाब से जियें, और इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि आप कभी भी स्वयं को किसी और के नज़रिये से देखने का प्रयास न करे, कोई आपके बारे में क्या विचारधारा रखता है, क्या सोचता है, सोचने दें, ये उसकी मानसिकता पर छोड़ें, आप बस अपनी नजऱों से स्वयं को देखें और इस बात पर पूर्ण विश्वास रखें कि आपको आपसे बेहतर कोई नहीं समझता और न ही समझ सकता है, इसलिए अपनी सोच को हर सोच से हमेशा ऊपर रखें, स्वयं को पर्याप्त समय दे, स्वयं से प्यार करें। अपनी भावनाओं और अपने विचारों का सम्मान भी करें, दूसरों के विचारो को सुने, समझें और अपने दृष्टिकोण और विचारो को भी दूसरों के समक्ष रखना सीखें, अपने जीवन में हां और न के महत्व को समझें और उसका सही स्थान पर प्रयोग करना भी सीखें, दूसरों के प्रभावशाली व्यक्तित्व के आगे स्वयं को कमतर समझने या कमतर आंकने की भूल, भूल कर भी न करें और न ही कभी स्वयं की तुलना दूसरों से करें।
 
बहरहाल आप हो या मैं हम सब में विशेषताओं का अथाह भंडार छुपा हुआ है, आवश्यकता तो केवल हमारे और आपके प्रयासों के माध्यम से उन विशेषताओं को उभारने की स्वयं का मूल्य समझ लेता है वो जीवन में कभी असफलता का मुंह नहीं देखता और जो इस जिंदगी के महत्व को समझ कर भी नहीं समझता वो कब इस दुनिया में आता है और कब चला जाता है किसी को ज्ञात नहीं होता इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम गुमनाम मौत न मरे, अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा सार्थक करने का प्रयास करें कि दुनिया हमें जीते जी ही नहीं हमारे न होने के उपरान्त भी हमें हमारी उपलब्धियों के लिए याद करें, इसलिए बहुत आवश्यक है कि हम समय की कद्र करना सीखें और जिंदगी के महत्व को समझें अपनी क्षमताओं और विशेषताओं को पहचाने कल की चिंता को छोड़ कर बस आज में जीना सीखें, व्यर्थ के तनाव को अपने पास भी न फटकने दें, ध्यान रहे कि उम्मीदों का अधिक दबाव भी आपकी सांसों का बोझ बनता है जो आपके स्वास्थ्य को खराब करने का महत्वपूर्ण कारण बनता है, इसलिए अधिक उम्मीदों को अलविदा कहें, शान्त मन और शान्त दिमाग़ से अपनी समस्याओं का समाधान तलाशे, अन्त में बस इतना ही कहूँगी कि यह जिंदगी आपकी है और इसे कैसे जीना है और कैसे यादगार बनाना है आपसे बेहतर कोई नहीं जानता इसलिए जिये अपनी जिंदगी भरपूर तरीके से अपने अंदाज में ज्ञात रहे। आपकी जिंदगी जब आप हैं तभी है। आप नहीं तो फिर इस जिंदगी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं बाकी आप स्वयं समझदार हैं।
 
उपरोक्त लेख में जिंदगी को बेहतर बनाने के कुछ उपयोगी टिप्स बताएंगे जिन्हें अपना कर आप भी अपनी जिंदगी को बेहतरीन बना सकते हैं-
 
जिंदगी में बेहतर नजऱ आने का मतलब ये नहीं होना चाहिए,कि आपकी बनावट में आपका अपना वजूद ही गुम हो जाए,बदलाव आपके अंदर से आना चाहिए न कि दूसरों के कहने से। जीवन के किसी भी मोड़ पर नयी शुरूआत करना, आपके आत्मविश्वास को ही नहीं वरन् आपके जीवन के प्रति प्रेम को भी प्रदर्शित करता है। जीवन में बेहतर नजऱ आने का मतलब ये नहीं होना चाहिए, कि आपकी बनावट में आपका अपना वजूद ही गुम हो जाए, बदलाव आपके अंदर से आना चाहिए न कि दूसरों के कहने से।
 
ज्ञात हो आपका स्वभाव आपके जीवन की दशा और दिशा दोनों को बदलने की भरपूर क्षमता रखता रखता है।
 
जीवन की विषम परिस्थितियों से घबरा कर हमारा उसके समक्ष हाथ खड़े कर देना,स्थिति को और भी गंभीर बनाता है इसलिए आवश्यक है कि हम हाथ खड़े करने के विपरीत बिना किसी भय के हर परिस्थिति का स्वयं डटकर सामना करना सीखें।
 
जीवन को जी भर के जिए, बेखौफ़ होकर जिए क्योंकि डर कर जिंदगी वही लोग गुज़ारते हैं जो मौत से डरते हैं, अपनी जिंदगी को अपनी इच्छानुसार ढालने का प्रयास करें,हर पल का सदुपयोग करें एक पल को भी व्यर्थ न गवांये, कहने का तात्पर्य केवल इतना है कि आप अपनी जिंदगी को सार्थक व उपयोगी बनाये, खुद को एक पहचान दे गुमनाम जिंदगी जीना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं ।
 
जिंदगी का मुश्किल सफऱ भी आसान और खूबसूरत हो जाता है,जब आपके पास ख़ुशगवार यादों का साथ होता है, इसलिए जिंदगी छोटी हो या बड़ी यादगार बनाएं ।
 
जीवन के किसी भी मोड़ पर नयी शुरुआत करना, आपके आत्मविश्वास को ही नहीं वरन् आपके जीवन के प्रति प्रेम को भी प्रदर्शित करता है।
 
अगर जिंदगी आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है तो आप जिंदगी की उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखा सकते हैं, क्योंकि जिंदगी भी आपसे वैसी ही उम्मीदें रखती है जैसी कि आप उससे रखते हैं।
 
आपका आत्मविश्वास आपके जीवन को व्यवस्थित ढंग से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए किसी भी स्थिति में इसे नजर अंदाज न करें , प्रयास करें कि विपरीत परिस्थितियों में भी कभी आपका आत्मविश्वास कमज़ोर न पड़े।
 
जिस दिन आप जिंदगी से लेने के विपरीत जिंदगी को देना सीख जाएंगे उस दिन आपको जिंदगी से शिकायत नहीं रहेगी।
 
इसमें कोई दो राय नहीं है,कि स्वयं में किये जाने वाले छोटे-छोटे सुधार भी जीवन में परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 
जीवन में निरंतर हो रहे बदलावों को स्वीकार करना आपकी विवशता हो सकती है लेकिन आपकी विशेषता तभी है जब आप उन बदलावों को सहजता से स्वीकार करें बिना अपने व्यक्तित्व की स्वाभाविकता को खोये।
 
जिंदगी बहुत आसान हो जाए अगर हम खुद को और दूसरों को जैसे हैं वैसे ही रहने दें।
 
निर्णय लेना सीखिए, निर्णय आपके आत्मविश्वास को ही अभिव्यक्त नहीं करते बल्कि आपके जीवन की दशा और दिशा दोनों को बदलने की भरपूर क्षमता भी रखते है।
 
जिंदगी आपको जिस रूप में भी मिले उसको खूबसूरत बनाने का प्रयास पूरे दिल और पूरी ईमानदारी से करें, क्योंकि जिंदगी की कसौटी पर खरा वही उतरता है जो वास्तव में उतरना चाहता है, वरना कमी नहीं पूरी दुनिया में मुकद्दर पे रोने वालों की।
 
जिंदगी से आपकी शिकायतें आपके व्यक्तित्व की निर्बलता और आप में आत्मविश्वास के अभाव को प्रदर्शित करती है, इसलिए ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप अपने व्यक्तित्व को क्या पहचान देना पसंद करते हैं।
 
जीवन की सार्थकता इसी में है कि आप अपने आज को कल से बेहतर ढंग से अभिव्यक्त करने की ईमानदार कोशिश करें।
 
शब्दों का हमारे जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसलिए शब्दों के उच्चारण में हम सभी को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए. कम बोलें अच्छा बोलें, कम लिखें लेकिन अच्छा लिखें।
 
जीवन से अधिक अपेक्षाएं अक्सर निराशाओं का कारण बनती है, इसलिए आवश्यक है कि आप जीवन में व्यर्थ अपेक्षाओं के विपरीत, कम और सार्थक अपेक्षाओं को महत्व दें।
 
जीवन के ख़ाली कैनवस पर आप मनचाहे रंग तभी भर सकते हैं, जब आप में स्वयं निर्णय लेने की क्षमता होगी और यह तभी संभव होगा जब आपका खुद में पूर्ण विश्वास होगा ।
 
जीवन में मिलने वाली चुनौतियों को सहर्ष स्वीकारें, क्योंकि ये चुनौतियां
 
ही होती है जो हमारा आत्मविश्वास ही नहीं बल्कि हमें हमारे जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा भी प्रदान करती हैं।
 
जिंदगी में आपको मायूसी तभी मिलती हैं जब आप दूसरों से उम्मीदें ज़्यादा रखते हैं और स्वयं दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने का छोटा सा प्रयास भी नहीं करते हैं बेलौस रिश्तों को अहमियत दीजिए आपको कभी मायूसी नहीं मिलेगी, मायूसी तभी मिलती हैं जब रिश्तों से उम्मीदें वाबस्ता होती हैं और उम्मीदें हमेशा तकलीफ देती हैं।
 
 
फौजिया नसीम शाद