कोबे (जापान), दिल्ली की सिमरन शर्मा ने महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में 24 . 95 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर भारत को विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शनिवार को अंतिम दिन छठा स्वर्ण पदक दिलाया जिससे देश ने 17 पदक से तालिका में छठा स्थान हासिल किया।
सिमरन का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25 . 16 सेकंड था ।
डोमिनिका की डारलेनिस डि ला सेवेरिनो को रजत और लोरेन गोम्स डि एगुइयार को कांस्य पदक मिला ।
टी12 वर्ग में दृष्टिबाधित खिलाड़ी भाग लेते हैं । भारत के छह स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य समेत 17 पदक रहे । यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है । इससे पहले पेरिस में 2023 में भारत ने तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य से 10 पदक जीते थे ।
चीन 87 पदक (33 स्वर्ण, 30 रजत, 24 कांस्य) से तालिका में शीर्ष पर रहा। ब्राजील (19 स्वर्ण, 12 रजत, 11 कांस्य) दूसरे, उज्बेकिस्तान (सात स्वर्ण, चार रजत, दो कांस्य) तीसरे, ब्रिटेन (सात स्वर्ण, दो रजत, तीन कांस्य) चौथे और अमेरिका (छह स्वर्ण, 13 रजत, पांच कांस्य) पांचवें स्थान पर रहा।
भारत के लिए दीप्ति जीवानजी (महिला 400 टी20), सचिन खिलाड़ी (पुरुष शॉट पुट एफ46), सुमित अंतिल (पुरुष भाला फेंक एफ64), थांगवेलु मरियप्पन (पुरुष ऊंची कूद टी63) और एकता भयन (महिला क्लब थ्रो एफ51) स्वर्ण पदक जीतने वाले पांच स्वर्ण पदक विजेता रहे।
शनिवार को दो भारतीयों ने कांस्य पदक जीते। प्रीति पाल ने महिला 100 मीटर टी35 वर्ग (समन्वय संबंधित विकृति) में कांस्य पदक जीता जो उनका चैम्पियनशिप में दूसरा पदक है। उन्होंने 19 मई को इसी स्पर्धा के 200 मीटर में कांस्य पदक जीता था।
नवदीप सिंह ने पुरुष भाला फेंक एफ41 वर्ग (छोटे कद) में सत्र के सर्वश्रेष्ठ 42.82 मीटर के प्रयास से भारत को एक और कांस्य पदक दिलाया।
इससे पहले भारत को पुरूषों की एफ46 भालाफेंक स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे श्रीलंका के दिनेश प्रियंथा हेराथ के खिलाफ शिकायत सही साबित होने पर रजत और कांस्य पदक दिया गया है ।
पुरूषों के एफ46 भालाफेंक में भारत के रिंकू हुड्डा और अजीत सिंह तीसरे और चौथे स्थान पर रहे थे लेकिन भारत ने विरोध दर्ज किया था कि हेराथ इस वर्ग में भागीदारी के योग्य नहीं हैं ।
पैरा खेलों में समान शारीरिक अक्षमता वाले खिलाड़ियों को एक समूह में रखा जाता है ताकि प्रतिस्पर्धा बराबरी की हो ।
एफ46 वर्ग भुजा में कमी , कमजोर मांसपेशियों वाले या बाहों में गति की निष्क्रिय सीमा वाले एथलीटों के लिए है, जिसमें एथलीट खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
भारतीय पैरालम्पिक समिति के एक अधिकारी ने कहा ,‘‘ हेराथ एफ46 श्रेणी का था ही नहीं ।’’
भारत के पक्ष में फैसला आने के बाद हेराथ को अयोग्य करार दिया गया । रिंकू को रजत और अजीत को कांस्य पदक दिया गया ।
मुख्य कोच सत्यनारायण ने कहा ,‘‘ हमने श्रीलंकाई खिलाड़ी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था जो तोक्यो पैरालम्पिक में भी स्वर्ण जीत चुका है। वह इस वर्ग में भाग्य लेने की योग्यता नहीं रखता । अब रिंकू को रजत और अजीत को कांस्य पदक दिया गया है ।’’