एवरेस्ट पर्वत शिखर पर बढ़ते हुए कचरे को लेकर शेरपा ने जताई चिंता

काठमांडू,  एवरेस्ट पर्वत के महानतम गाइड में एक शेरपा गाइड कामी रीता ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर बढ़ते हुए कचरे को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एवरेस्ट दिवस पर नेपाल सरकार द्वारा सम्मानित किये जाने पर अपने संबोधन में यह चिंता जतायी।

एवरेस्ट पर्वत शिखर पर रिकॉर्ड 30 बार चढ़ाई करने वाले शेरपा गाइड कामी रीता को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ने बुधवार को यहां एवरेस्ट दिवस पर सम्मानित किया।

आज ही के दिन 29 मई, 1953 को न्यूजीलैंड के पर्वतारोही एडमंड हिलेरी और नेपाली शेरपा तेनजिंग नॉर्गे ने पहली बार एवरेस्ट पर्वत शिखर पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी।

कामी रीता ने अपने संबोधन में कहा कि वह जमा हो रहे कचरे से बहुत चिंतित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस ओर तत्काल हमें ध्यान देना बहुत जरूरी है।’’

कामी रीता ने कहा कि एवरेस्ट दिवस वास्तव में सरकार द्वारा पर्वत शिखर के निकट स्थित शिविरों की सफाई के लिए अभियान चलाकर मनाया जाना चाहिए।

एवरेस्ट पर्वत शिखर पर लगभग हर साल सफाई अभियान चलाए जाते हैं। नेपाली सैनिकों की एक टीम अभी भी एवरेस्ट पर मौजूद है और पिछले अभियानों के दौरान छोड़े गए कचरे को उठा रही है।

कामी रीता ने कहा, ‘‘फिलहाल, शिविर तीन अथवा चार से पर्याप्त मात्रा में कचरा बाहर नहीं निकाला गया है। सफाई अभियान चलाए गए थे, लेकिन वे सभी शिविर दो या उससे नीचे के लिए थे। ’’

कामी रीता ने कहा कि एवरेस्ट पर्वत पर काम करने वाले शेरपा गाइडों को बेहतर परिस्थितियां और फायदे मिलने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘बीमा की राशि को बढ़ाकर 60 लाख रुपये (45,000 अमेरिकी डॉलर) किया जाना चाहिए तथा भविष्य निधि की व्यवस्था होनी चाहिए।’’

कामी रीता (54) ने इस महीने दो बार 8,849 मीटर (29,032 फुट) की चोटी पर चढ़ाई की, जिससे उन्होंने सबसे सफल चढ़ाई का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। उनके सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी साथी शेरपा गाइड पासंग दावा हैं, जिन्होंने 27 बार सफल चढ़ाई की है।