चाईबासा,झारखंड के चाईबासा में सुरक्षाकर्मियों ने सोमवार को माओवादियों के मतदान में खलल डालने की कोशिश को नाकाम कर दिया।
माओवादियों ने मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक पहुंचने से रोकने के लिए सड़क पर पेड़ गिराकर रास्ता रोकने की कोशिश की थी जिससे पश्चिमी सिंहभूम के सोनापी और मोरंगपोंगा क्षेत्रों में आवाजाही बाधित हो गई थी। अधिकारियों ने जानकारी दी।
पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, ‘‘सूचना मिली थी कि माओवादियों ने सोनापी के पास एक पेड़ गिराकर आवागमन बाधित कर दिया है ताकि मतदाताओं को छोटानगर पुलिस थाना क्षेत्र में मतदान बूथ संख्या 24 और 25 तक पहुंचने से रोका जा सके। इस क्षेत्र में कुल 1,522 मतदाता हैं। हमने सुनिश्चित किया कि मतदाता अपना वोट डालने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करें इसलिए इन दोनों बूथ पर सुबह 10:30 बजे तक क्रमशः 50.94 प्रतिशत और 15.43 प्रतिशत मतदान हुआ।’’
पिछले कुछ दिनों में, निर्वाचन आयोग ने माओवाद प्रभावित सिंहभूम क्षेत्र में ट्रेनों और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से मतदान दलों को भेजा है, जिनमें से कई क्षेत्रों में पहली बार या कई दशकों के बाद मतदान हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि सिंहभूम सीट पर पूर्वाह्न 11 बजे तक 26.16 प्रतिशत मतदान हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि सिंहभूम में 126 मतदान केंद्रों पर मतदान दलों और सामग्रियों को हवाई माध्यम से पहुंचाया गया और इसके अलावा चक्रधरपुर से राउरकेला के लिए एक विशेष ट्रेन के माध्यम से लगभग 100 मतदान दलों को भेजा गया।
रेलगाड़ी और हवाई माध्यम से गंतव्य स्थान यानी नोहरपुर, जरायकेला और पोसाइता स्टेशनों पर पहुंचने के बाद, दुर्लभ इलाकों के मतदान केन्दों तक पहुंचने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने वाहनों से और पैदल यात्रा तय की।
चौधरी ने कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए, जीपीएस-सक्षम वाहनों के माध्यम से ईवीएम और मतदान दलों पर लाइव निगरानी रखी जा रही है।
आयोग ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी मतदाता छूट न जाए… हमने कई क्षेत्रों की पहचान की है जहां पहली बार या लगभग दो दशकों के बाद मतदान आयोजित किया जाएगा क्योंकि ये स्थान माओवादी विद्रोह से बुरी तरह प्रभावित थे।’’