रेलिगेयर फिनवेस्ट कारोबार फिर शुरू करने के लिए तैयार, रिजर्व बैंक की मंजूरी का इंतजार

Religare-Bloomberg

नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से निरीक्षण पूर्ण होते ही अपना कारोबार फिर से शुरू होने की ‘उम्मीद’ है। आरएफएल केंद्रीय बैंक की नियामकीय निगरानी में है।

आरएफएल की मूल कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज ने सभी 16 सुरक्षित ऋणदाताओं के साथ 2,300 करोड़ रुपये का एकमुश्त निपटान (ओटीएस) भी किया है।

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम आरबीआई के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। निरीक्षण पूरा हो चुका है, सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।”

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) आरएफएल अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण जनवरी, 2018 से आरबीआई की सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी) के तहत है।

उन्होंने कहा, “हमारे पास पैसे हैं। हमने अपनी ताकत दिखाई है। हमारे पास पहले से ही कंपनी में कारोबार चलाने के लिए पर्याप्त क्षमताएं और तरलता है। हम बस आरबीआई से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यह अब होना चाहिए। इसलिए इसे जल्द ही अपना काम शुरू कर देना चाहिए।”

आरएफएल पूर्व प्रवर्तकों- शिविंदर सिंह और उनके भाई मालविंदर सिंह द्वारा धन के कथित दुरुपयोग के कारण वित्तीय संकट में है।

साल 2018 से नए प्रबंधन और पेशेवर रूप से संचालित निदेशक मंडल के नेतृत्व में रेलिगेयर समूह अपनी प्रत्येक इकाई को विकसित करने और स्थिरता प्रदान करने के लिए कदम उठा रहा है।

इस बीच, आरईएल प्रबंधन और बर्मन परिवार वित्तीय सेवा फर्म के अधिग्रहण के लिए लड़ाई में उलझे हुए हैं।

बर्मन परिवार की चार इकाइयों- एमबी फिनमार्ट, पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से आरईएल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

बर्मन ने 25 सितंबर, 2023 को सार्वजनिक शेयरधारकों से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए खुली पेशकश की घोषणा की थी। करीब 2,116 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की योजना को लेकर आरईएल प्रबंधन और बर्मन के बीच विवाद खड़ा हो गया था।