संविधान के कल्याण में ही मेरा खुद का कल्याण निहित है : प्रधानमंत्री मोदी

भुवनेश्वर, 20 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी जीवन यात्रा में अब तक हासिल मुकाम का श्रेय संविधान को दिया और कहा कि भले ही किसी को लगता हो कि वह स्वहित के लिए काम करते हैं, लेकिन संविधान के कल्याण में ही उनका खुद का कल्याण निहित है।

मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि उनका इरादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने पर संविधान बदलने का और आरक्षण समाप्त करने का है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ही है, जिसने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पृष्ठभूमि से सबसे अधिक संख्या में मंत्री दिए हैं।

मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण के विषय को आरक्षण के व्यापक मुद्दे से जोड़ना गलत है।

उन्होंने कहा कि संविधान और उसके निर्माता भी धर्म के आधार पर आरक्षण कभी नहीं चाहते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने ही कई राज्यों में आरक्षण को कमजोर किया, धर्म के आधार पर आरक्षण दिया और संविधान का अपमान किया। वे देशभर में भी ऐसा करना चाहते हैं। मैंने यह बात बिल्कुल साफ कर दी है कि मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा।’’

कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी सरकार द्वारा संविधान को दरकिनार करने और ‘एक विशेष परिवार की सनक पर’ लोकतंत्र को निलंबित करने की एकमात्र घटना के पीछे यही पार्टी है। उनका इशारा गांधी परिवार की ओर था।

मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अब, जब इस परिवार की सबसे नई पीढ़ी अपने पूर्वजों की विरासत का उपयोग करना चाहती है तो उन्हें पता चलता है कि इतिहास में ऐसे कई काले धब्बे हैं। उन्हें लगता है कि इन काले दागों को मिटाने का सबसे अच्छा तरीका बाकी सभी पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगाना है।’’

प्रधानमंत्री ने संविधान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके बिना उनकी जैसी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति यहां तक नहीं पहुंच सकता था।

मोदी ने कहा, ‘‘बाबासाहेब के संविधान ने मोदी को बनाया है और इसी से उन्हें अधिकार मिलते हैं। इसलिए, भले ही आप सोच लें कि मैं स्वहित के लिए काम करता हूं, लेकिन संविधान के कल्याण में ही मेरा अपना कल्याण भी निहित है।’’

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ही है जिसने इन सामाजिक पृष्ठभूमि वाले सर्वाधिक सांसद दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘किस पार्टी ने देश को दलित और आदिवासी राष्ट्रपति दिए? भाजपा ने। यह दावा करना हास्यास्पद और बेतुका है कि हम एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ कुछ भी करेंगे।’’