कोलकाता, जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) ने शनिवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक करियर प्रोन्नति योजना (सीएएस) प्रक्रिया के तहत प्राध्यापकों की पदोन्नति को पश्चिम बंगाल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि अकादमिक मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है।
जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह काफी आश्चर्यजनक है कि राज्य सरकार ने हाल ही में आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए सीएएस को निलंबित करने का आदेश जारी किया, जबकि पांच चरण के चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, “यह उल्लेखनीय है कि इसी अवधि के दौरान कुछ राज्यों में शिक्षकों और अन्य विश्वविद्यालय अधिकारियों की भर्ती के लिए सीएएस जारी है, भले ही उन राज्यों में भी चुनावी प्रक्रिया जारी हो।”
रॉय ने उल्लेख किया कि जेयूटीए ने 23 मई को उच्च शिक्षा विभाग को एक पत्र भेजा था जिसमें राज्य के अधिकारियों से उस आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया था जो विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कामकाज को बाधित कर सकता है।
उन्होंने कहा, “अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो हम असहयोग का सहारा लेने को मजबूर होंगे।”
ऑल बंगाल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (एबीयूटीए) ने भी इसी तरह की मांगों को दोहराया है। उसने एक प्रस्ताव पारित कर विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद से इस मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया।