ममता बनर्जी सरकार में उद्योगपति बंगाल आने से डरते हैं : केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार
Focus News 19 May 2024बांकुड़ा (प. बंगाल), 19 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने दावा किया कि निवेशक पश्चिम बंगाल आने से ”डर” रहे हैं तथा जब तक ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार सत्ता में है तब तक राज्य में कारोबार दुरुस्त नहीं हो सकेगा।
सरकार ने कहा कि राज्य में नौकरी की खराब स्थिति के लिए तृणमूल सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति और ‘‘हर ओर भ्रष्टाचार’’ के आरोप जिम्मेदार हैं।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सरकार ने एक साक्षात्कार में ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ”उद्योगपति पश्चिम बंगाल आने से कतराते हैं। राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए इस सरकार को बदलने की सख्त जरूरत है।”
तृणमूल कांग्रेस 2011 में जबरन भूमि हड़पे जाने के विरुद्ध नीति और नंदीग्राम एवं सिंगूर में पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के कारण सत्ता में आई थी।
वामपंथियों ने बार-बार दावा किया है कि अधिग्रहण राज्य के पुन: औद्योगीकरण और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए थे।
सरकार ने यह भी कहा कि बेरोजगारी और पश्चिम बंगाल से दूसरे राज्यों में श्रमिकों के प्रवास की समस्याएं तभी हल होंगी जब उद्योग-धंधे आएंगे। इस बीच, उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
निवर्तमान 17वीं लोकसभा में बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार ने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों में हमारी बड़ी संख्या में युवाओं को कुशल बनाने की योजना है।’’
बांकुड़ा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरे सरकार ने विश्वास व्यक्त किया कि वह पिछले बार की तुलना में इस बार अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे। वर्ष 2019 के चुनावों में उन्होंने निकटतम टीएमसी प्रतिद्वंद्वी पर 1.74 लाख वोट से अधिक अंतर से जीत दर्ज की थी।
सरकार ने कहा कि वह धरती पुत्र हैं और पार्टी कार्यकर्ता एवं समर्थक उनके साथ दृढ़ता से खड़े हैं।
यह दावा करते हुए कि बंगाल के लोग ‘‘भाजपा को एकमात्र व्यवहार्य और संभावित विकल्प के रूप में देखते हैं’’, उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘‘विकास और सामाजिक कल्याण की यात्रा’’ के माध्यम से देश का नेतृत्व किया है।
सरकार ने यह भी कहा कि केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है।
उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति निष्ठावान गुंडों द्वारा लोगों पर “भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न” करने का आरोप लगाया।
सरकार ने कहा कि संदेशखालि क्षेत्र में तृणमूल के कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा महिलाओं पर यौन अत्याचार एवं ग्रामीणों की जमीन हड़पने के आरोप लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित बांकुड़ा में तृणमूल को “निश्चित रूप से” प्रभावित करेंगे।
उन्होंने कहा, “वहां (संदेशखालि) की घटनाएं महिला मतदाताओं को प्रभावित करेंगी।”
सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी विभिन्न मामलों में आरोपी पार्टी के पूर्व नेताओं का समर्थन कर रही है, यथा- संदेशखालि में शाहजहां शेख, अनुव्रत मंडल और अन्य। मंडल कथित पशु तस्करी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार और बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की तुलना कतई नहीं की जा सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि तृणमूल सुप्रीमो का मॉडल “सामंती व्यवस्था” के समान है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के विकास कार्यों की तुलना ममता बनर्जी के मॉडल से नहीं की जानी चाहिए। मोदी का ‘सब का साथ, सबका विकास’ मॉडल सभी के जीवन की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए है।”
सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार देशभर के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है।