नयी दिल्ली, नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अगले ढाई साल में ‘टी 100’ कार्बन फाइबर का निर्माण शुरू कर देगा। इसका मकसद रणनीतिक क्षेत्रों में इसके उपयोग को बाधित करने वाला आयात लाइसेंस प्रतिबंधों को दूर करना है।
‘टी 100’ कार्बन फाइबर का उपयोग रक्षा, एयरोस्पेस और सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्रों में, हाइड्रोजन सिलेंडर, मिसाइल, प्रक्षेपण वाहन, विमान, बुलेट प्रूफ जैकेट, पुल बनाने आदि में किया जाता है।
सारस्वत ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आने वाले दो-ढाई साल में भारत अपना कार्बन फाइबर टी 100 बनाने में सक्षम होगा। इसका उपयोग हाइड्रोजन सिलेंडर, मिसाइल, प्रक्षेपण वाहन, विमान, बुलेट प्रूफ जैकेट और पुल बनाने में किया जा सकता है।’’
उन्होंने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘विभिन्न देशों का लाइसेंस प्रतिरूप ऐसा है कि वे हमें किसी भी रणनीतिक उपयोग के लिए ‘टी 100’ सामग्री नहीं दे रहे हैं। हम इससे पार पाना चाहते हैं और इसलिए सरकार का कार्यक्रम अपने स्वदेशी उत्पादन के विकास को बढ़ावा देना है।’’
सारस्वत ने कहा कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) और मिश्र धातु निगम लि. (एमआईडीएचएएनआई) भारत में कार्बन फाइबर का विनिर्माण शुरू करने के प्रयासों में लगे हुए हैं।