मुझे अपना समर्थन दें, मैं हमेशा आपके लिए मौजूद रहूंगा: करण भूषण सिंह

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गोंडा (उप्र),  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कैसरगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार करण भूषण सिंह ने अपने पिता बृज भूषण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये “राजनीति से प्रेरित और मनगढ़ंत” हैं और उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे उन्हें अपने वोटों से आशीर्वाद दें जैसा कि वे उनके परिवार के लिए हमेशा से करते आए हैं।

निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में 33 वर्षीय करण भूषण हर दिन औसतन 10 छोटी जनसभा में भाग ले रहे हैं। इन सभाओं में बुजुर्गों और कुछ महिलाओं के अलावा युवाओं की भी बड़ी संख्या होती है।

उन्होंने सभाओं के बारे में कहा, “योजना मतदान से पहले निर्वाचन क्षेत्र के हर गांव के लोगों तक पहुंचने और उनसे समर्थन की अपील करने की है।”

गोंडा के कर्नलगंज इलाके में आयोजित ऐसी ही एक सभा में करण भूषण कहते हैं, “आप सभी ने मेरे परिवार का समर्थन किया है और मेरे पिता के साथ रहे हैं। मैं चाहता हूं कि आप अपना समर्थन जारी रखें और अपने पिता की तरह, मैं हमेशा आपके लिए मौजूद रहूंगा।”

करण भूषण सिंह की यह पहली राजनीतिक लड़ाई है। कानून में स्नातक, करण भूषण को पिछले साल उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था।

छह बार सांसद रहे बृजभूषण सिंह ने गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन उन्हें इस बार भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया। छह महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा।

करण भूषण के बड़े भाई प्रतीक भूषण सिंह भाजपा के विधायक हैं। उनकी मां केतकी देवी सिंह गोंडा से पूर्व सांसद हैं।

करण भूषण ने अपने पिता के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “आरोप राजनीतिक से प्रेरित और मनगढ़ंत हैं। हम उन्हें अदालत में चुनौती देंगे।”

दस मई को, दिल्ली की एक अदालत ने छह पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए मामले में बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अन्य आरोप तय करने का आदेश दिया।

बृज भूषण के सबसे छोटे बेटे करण भूषण भाई-भतीजावाद के आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि वह अपने पिता की विरासत को आगे ले जाना चाहते हैं।

उन्होंने तर्क दिया, “अगर मैं किसी अन्य क्षेत्र में होता और आखिरी समय में पैराशूट से यहां लाया जाता, तो कोई इस तरह के आरोप लगा सकता था। मैं लोगों के बीच रहा हूं और अपने पिता और भाई के लिए प्रचार किया है। मैं पहले से ही राजनीति में था। मुझे अब मेरी पार्टी द्वारा एक जिम्मेदारी दी गई है जिसके लिए मैं आभारी हूं।”

कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें दलित और मुस्लिमों की अच्छी खासी संख्या है।

साल 2019 में, बृजभूषण को 5.8 लाख वोट मिले, जो उनके खिलाफ चुनाव में खड़े बसपा उम्मीदवार से लगभग दोगुने थे।

विपक्षी दलों के समूह ‘इंडिया’ गठबंधन की घटक समाजवादी पार्टी ने करण भूषण के खिलाफ राम भगत मिश्रा को खड़ा किया है। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से नरेंद्र पांडे को उम्मीदवार बनाया है। कैसरगंज में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।