चंडीगढ़,कांग्रेस के पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी ने संगरूर लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद बुधवार को यहां पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ग्रहण की।
मान ने ‘आप’ में गोल्डी का स्वागत करते हुए उन्हें ‘छोटा भाई’ और ‘परिश्रमी युवा’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके समर्थकों के साथ उनका स्वागत करते हैं।’’
मान ने कहा कि गोल्डी ने बहुत मेहनत की है और वह विधायक बने लेकिन कांग्रेस ने उनकी अनदेखी की। इस दौरान उनके साथ संगरूर से ‘आप’ के उम्मीदवार गुरमीत सिंह मीत उपस्थित थे।
मान ने कहा, ‘‘मैं परिवार में अपने छोटे भाई की तरह उनका (गोल्डी का) स्वागत करता हूं।’’
गोल्डी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें एक तरह से कांग्रेस से निकाल कर फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद पार्टी ने किसी और को टिकट दे दिया।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को लिखे अपने इस्तीफे में गोल्डी ने कहा था कि वह प्रदेश नेतृत्व से निराश हैं और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
पंजाब की धूरी सीट से विधायक रह चुके गोल्डी लोकसभा चुनाव में संगरूर सीट से टिकट चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने यहां से तीन बार के विधायक सुखपाल खैरा को उम्मीदवार बनाया है।
मान ने कांग्रेस नेता खैरा के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि गोल्डी को ‘आप’ में शामिल होने के लिए सतर्कता ब्यूरो की कार्रवाई की धमकी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘खैरा पर किसने इतनी बार पार्टियां बदलने के लिए दबाव डाला। उन्हें इस तरह के आरोप लगाने का कोई हक नहीं है। ये भाजपा है तो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर सकती है।’’
गोल्डी ने 16 अप्रैल को पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिए जाने पर नाखुशी जताई थी और कहा था कि पार्टी नेतृत्व को ‘किसी के साथ विश्वासघात’ नहीं करना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने 2022 के संगरूर उपचुनाव में ‘प्रतिबद्धता’ जताई थी कि उन्हें 2024 के आम चुनाव में इस सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा।
गोल्डी ने 2022 में धूरी से विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भगवंत मान से हार गए थे।
पंजाब की 13 लोकसभा सीट के लिए एक जून को मतदान होगा।