नयी दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित पांच राज्यों ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार के जरिये सत्यापन शुरू करने को लेकर रुचि दिखाई है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
इस महीने की शुरुआत में वरिष्ठ केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों की तीसरी राष्ट्रीय समन्वय बैठक के दौरान बायोमेट्रिक-आधारित सत्यापन पर चर्चा की गयी थी।
वर्तमान में, दो राज्यों… गुजरात और आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने पायलट आधार पर करदाताओं का आधार सत्यापन शुरू किया है।
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित लगभग पांच राज्यों ने जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार के माध्यम से सत्यापन व्यवस्था लागू करने में रुचि दिखायी है।’’
उन्होंने कहा कि ये राज्य पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन की आवश्यकता को लागू करने को लेकर शामिल लागत, बुनियादी ढांचा और कार्यबल की जरूरत का आकलन करना चाहते हैं।
अधिकारी ने कहा कि उन्हें आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं। आकलन के आधार पर, इन राज्यों को प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडलों के समक्ष रखना होगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी अब तक पंजीकरण चाहने वाले आवेदकों की पहचान स्थापित करने के लिए ओटीपी-आधारित आधार सत्यापन का उपयोग करते रहे हैं।
हालांकि, कुछ ऐसे मामले सामने आये जिनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के लिए फर्जी कंपनी बनाने के लिए अन्य लोगों की पहचान का दुरुपयोग किया गया था। इसको देखते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बायोमेट्रिक सत्यापन अपनाने का फैसला किया था। इसके तहत कुछ संदिग्ध मामलों में पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति को आधार सत्यापन के लिए आधार केंद्र पर जाने के लिए कहा जाएगा।
अप्रैल के जीएसटी राजस्व विश्लेषण के तहत कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा। उसके बाद क्रमश: उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान रहा। माह के दौरान राजस्व में महाराष्ट्र का योगदान सर्वाधिक रहा।
एकीकृत कर प्रणाली लागू होने के बाद से अप्रैल में जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
माल एवं सेवा कर संग्रह अप्रैल में 12.4 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। राजस्व वृद्धि को मजबूत आर्थिक गतिविधियों और घरेलू लेनदेन तथा आयात के बढ़ने से सहायता मिली।