नयी दिल्ली, फिल्म ‘जग्गी’ के निर्देशक अनमोल सिद्धू का कहना है कि हिंदी फिल्मों में दिखाए जाने वाला पंजाब हकीकत से अलग है।
सिद्धू ने कहा कि स्थानीय कहानीकारों को आगे आकर राज्य की सच्ची तस्वीर पेश करनी चाहिए।
अनमोल सिद्धू की फिल्म ‘जग्गी’ अब ऑनलाइन मंच ‘मूबी’ पर प्रसारित की जा रही है।
उन्होंने कहा, “आप चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय में वास्तविक पंजाब देखेंगे और फिर आप ग्रामीण इलाकों में आएंगे जहां आपको एक अलग पंजाब दिखेगा। बॉलीवुड भी पंजाब के बारे में फिल्में बनाता है जहां लोग खेतों में नाचते हैं। आप कॉमेडी दृश्य देखेंगे और इससे आपको लगेगा कि पंजाब ऐसा ही है।’’
सिद्धू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ वास्तव में मेरे परिवार के लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मैं बॉलीवुड जैसी फिल्में क्यों नहीं बनाता। ‘जग्गी’ के जरिए मेरा प्रयास पंजाब की वास्तविकता दिखाने है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसी कहानियों की भरमार है जो अधिक बारीकियों को बयां करती हैं जिनमें अक्सर पंजाब में मादक पदार्थों की समस्या और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को दिखाया जाता है, जैसा ‘उड़ता पंजाब’ , ‘मील पत्थर’ जैसी फिल्में और ‘कोहरा’ और ‘टब्बर’ जैसे ओटीटी शो में दिखाया गया है।
सिद्धू ने कहा कि इन फिल्मों और शो के निर्माता वास्तव में पंजाब से नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग राज्य के बारे में फिल्में नहीं बना रहे हैं। बाहर से आए लोगों ने राज्य की अलग-अलग कहानियां खोजी हैं। ‘कोहरा’ एक अच्छा शो है, लेकिन इसे पंजाब से आए किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पंजाब में गुरविंदर (सिंह) सर या जतिंदर मौहर जैसे मुट्ठी भर कहानीकार ही हैं, जो कुछ अलग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा मानना है कि पंजाब के फिल्म निर्माताओं को ऐसा सिनेमा बनाना चाहिए जो राज्य की वास्तविकता को दर्शाता हो..’’