दिल्ली : निर्वाचन आयोग मतदाता जागरुकता के लिए ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स’ की मदद ले रहा

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) निर्वाचन आयोग 25 मई को राष्ट्रीय राजधानी में मतदान के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स’ की मदद ले रहा है।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पी कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आयोग ‘सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन’ (एसवीईईपी) कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर रहा है।

इस बार एक अनोखी पहल में, विभिन्न जिलों में इस काम के लिए ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स’ को शामिल किया गया है।

कृष्णमूर्ति ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हमारे कुछ जिलों में मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रैपर्स, यात्रा गाइड, खान-पान विशेषज्ञों जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स तथा युवाओं की मदद हम ले रहे है।”

स्कूलों में गतिविधियां आयोजित करने से लेकर बच्चों को मतदान के महत्व के बारे में सिखाने से लेकर ‘वॉकाथन’ और ‘मतदाता मेला’ आयोजित करने तक, निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कई पहल शुरू की हैं।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘यह एक सतत प्रक्रिया है जो पूरे साल चलती रहती है। उन गतिविधियों के परिणामस्वरूप मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और यहां तक कि तृतीय लिंगी मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।’’

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनाव में मतदान के लिए महिलाओं के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, तथा लिंग अनुपात 2019 के लोकसभा चुनावों में 818 था जो इस बार बढ़कर 851 हो गया है।

सीईओ ने कहा कि पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

इस साल के संसदीय चुनावों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 82 लाख से अधिक मतदाता पुरुष और 69 लाख से अधिक मतदाता महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में तृतीय लिंगी मतदाताओं की संख्या 1228 है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान, राष्ट्रीय राजधानी में 78 लाख से अधिक पुरुष मतदाता थे, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 64 लाख से अधिक और तृतीय लिंगी मतदाताओं की संख्या 669 थी।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि उनकी टीम मतदाता जागरूकता गतिविधियां चला रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले ध्यान लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने पर था, और अब उन्हें वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित हो गया है।

उन्होंने बताया, ‘‘वे लोगों को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये दल स्थानीय क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, छात्रों, युवाओं, महिलाओं – समाज के सभी वर्गों तक पहुंच रहे हैं, मानव शृंखला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक आयोजित कर रहे हैं।’’

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में, दिल्ली में लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 2019 के आम चुनाव में घटकर लगभग 60 प्रतिशत हो गया।

दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है और मौसम विभाग ने उस दौरान भीषण गर्मी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अच्छे मतदान की उम्मीद है।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि आयोग ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी हितधारकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा ‘‘हमने गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय शुरू किए हैं। इसमें छायादार क्षेत्र बढ़ाना, ठंडे पेयजल की व्यवस्था करना, प्रतीक्षा क्षेत्र में पंखे, कूलर, दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराना और सुरक्षा उपायों की तैनाती शामिल है। प्रत्येक मतदान स्थल पर पैरामेडिकल स्टाफ बुनियादी चिकित्सा किट के साथ रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि विभिन्न मतदान स्थलों पर क्रेच भी स्थापित किये जायेंगे।

दिल्ली की सात संसदीय सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।