नयी दिल्ली, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि कोविशील्ड टीके के ‘दुर्लभ दुष्प्रभावों’ से युद्धस्तर पर निपटने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस मामले में अब तक कुछ नहीं किया है।
भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को टीके के किसी भी तरह के दुष्प्रभाव के ‘संकेत या लक्षण’ वाले लोगों की मदद के लिए प्रणाली बनाने की खातिर टीका विनिर्माता कंपनी, चिकित्सकों और वैज्ञानिकों से बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार सो रही है और उसने अभी तक कुछ नहीं किया है। कई यूरोपीय देश में इस टीके को 2021 में प्रतिबंधित कर दिया गया था लेकिन हमारे देश की सरकार इसे लगा रही थी और प्रचारित कर रही थी।’’
भारद्वाज ने कहा कि लोगों के दिमाग में पहले से ही ये प्रश्न थे कि क्या ‘हृदयाघात के मामले अचानक से बढ़ने का किसी भी तरह टीकों से कोई संबंध है’।
ब्रिटेन से संचालित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि ‘बहुत दुर्लभ मामलों में@ उसके कोविड-19 टीके से खून का थक्का जमने जैसे दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं लेकिन इसके कारण का अभी पता नहीं है।
यह बात ब्रिटेन के मीडिया में कंपनी द्वारा अदालत में प्रस्तुत कागजात के हवाले से कही जा रही है।