नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी बीपीसीएल ने अपने मुख्य कारोबार तेल शोधन, ईंधन विपणन और पेट्रोकेमिकल के अलावा स्वच्छ ईंधन में अगले पांच वर्षों में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के चेयरमैन जी कृष्णकुमार ने शुक्रवार को तिमाही नतीजों पर विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पांच साल की रणनीतिक रूपरेखा ‘प्रोजेक्ट एस्पायर’ के तहत बीपीसीएल ने अपनी तेलशोधन क्षमता बढ़ाने, पेट्रोकेमिकल व्यवसाय और स्वच्छ ईंधन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बनाई है।
कृष्णकुमार ने कहा, “हमारी रणनीति दो मूलभूत स्तंभों- ‘प्रमुख कारोबार को आगे बढ़ाने’ और ‘भविष्य के बड़े दांव में निवेश’ पर आधारित है। इससे न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की बढ़ती ईंधन मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी बल्कि कंपनी को 2040 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर, हमने पांच वर्षों में 1.7 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इसमें से 75,000 करोड़ रुपये रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स के लिए रखे गए हैं। हम 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रणनीतिक पाइपलाइन परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिनमें से 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही चिह्नित की जा चुकी हैं।”
बीपीसीएल के प्रमुख ने कहा, “हम विपणन व्यवसाय में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे। हमने मोजाम्बिक और ब्राजील में उत्पादन में 32,000 करोड़ रुपये का निवेश भी निर्धारित किया है। हम गैस कारोबार पर 25,000 करोड़ रुपये और हरित ऊर्जा व्यवसाय पर 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।”
कृष्णकुमार ने बताया कि बीपीसीएल की रिफाइनिंग क्षमता को मार्च 2029 तक 3.53 करोड़ टन से बढ़ाकर 4.5 करोड़ टन प्रति वर्ष करने की योजना है। क्षमता वृद्धि मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में बीना रिफाइनरी में होगी।
ईंधन खुदरा बिक्री बुनियादी ढांचे पर बीपीसीएल करीब 4,000 नए पेट्रोल पंप खोलने की योजना बना रही है। उसके पास फिलहाल 22,000 पेट्रोल पंप हैं।