इलाहाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को विकास के बल पर जीत की उम्मीद
Focus News 23 May 2024प्रयागराज, 23 मई (भाषा) इलाहाबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को मोदी सरकार के विकास कार्यों के बल पर जनता का समर्थन मिलने और चुनाव में जीत हासिल होने का भरोसा है।
त्रिपाठी का कहना है कि यदि वह इलाहाबाद सीट से सांसद निर्वाचित होते हैं तो उद्योगों का पुनरुद्धार, स्वास्थ्य सुविधाओं और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र 57 वर्षीय नीरज त्रिपाठी को निवर्तमान सांसद रीता बहुगुणा जोशी की जगह भाजपा ने इलाहाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया है। 2014 में भाजपा के श्यामा चरण गुप्त ने इस सीट से जीत हासिल की थी।
इससे पूर्व नीरज त्रिपाठी उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता थे। उनके परिवार के करीबी लोग बताते हैं कि पार्टी द्वारा नीरज के नाम की आधिकारिक घोषणा से पहले उन्होंने राजनीति में कभी सक्रियता नहीं दिखाई, भले ही उनके पिता इलाहाबाद से भाजपा के वरिष्ठ नेता थे।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवार उज्ज्वल रमण सिंह से कड़ी चुनौती का सामना कर रहे नीरज त्रिपाठी पिछले एक महीने से गांव-गांव जाकर चुनाव प्रचार में लगे हैं। इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र प्रयागराज जिले में आता है जहां 25 मई को मतदान होना है।
इस लोकसभा क्षेत्र में 18,25,730 पंजीकृत मतदाता हैं। प्रयागराज का एक हिस्सा फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में भी आता है।
त्रिपाठी ने कहा कि वह सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका सम्मान में विश्वास करते हैं और विकास के एजेंडा के साथ इलाहाबाद के लोगों के पास जा रहे हैं।
त्रिपाठी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यदि मैं सांसद के तौर पर चुना जाता हूं तो इलाहाबाद के नैनी क्षेत्र का औद्योगिक विकास मेरी शीर्ष प्राथमिकता होगी। यहां कई औद्योगिक इकाइयां हैं जो फिलहाल बंद हैं और मैं इन्हें फिर से चालू कराने का प्रयास करूंगा। साथ ही क्षेत्र में नई औद्योगिक इकाइयां लाने और मूलभूत सुविधाओं में सुधार लाने का प्रयास करूंगा।”
उन्होंने कहा, “मैंने प्रयागराज में दूर दराज के क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के लिए स्वास्थ्य एवं स्कूल सुविधाएं मेरे दिमाग में हैं। मेरी यह भी इच्छा है कि प्रयागराज में एक एम्स खुले और मैं इस दिशा में काम करूंगा।”
राजनीति में आने के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका परिवार राजनीति में रहा है और उनके प्रेरणा के स्रोत उनके पिता पंडित केसरीनाथ त्रिपाठी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
उन्होंने कहा, “मैं हर जगह यह बात कहता हूं कि यदि आप समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आपको सच्चे मन से लोगों तक पहुंचने की जरूरत है और यही मेरे पिता की खूबी थी जिसने मुझे प्रेरणा दी। दूसरी बात, मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुत प्रभावित हूं। वह भी मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। जब मैं बाहर जाता हूं, मैं लोगों को बताता हूं कि मैं विकास करने के लिए आया हूं।”
त्रिपाठी ने कहा कि हर क्षेत्र की अपनी समस्याएं हैं, लेकिन केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीन पर दिखता है।
उन्होंने कहा, “इस जिले के कुछ आंतरिक हिस्सों में सड़क या पानी, सिंचाई जैसी समस्याएं हैं और मैंने इन समस्याओं को लिख लिया है, मैं इन्हें हल कराऊंगा।”
विपक्षी दलों द्वारा महंगाई और बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि जब वह जमीनी स्तर पर लोगों से मिलते हैं तो ये मुद्दे गौण दिखाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा, “जहां तक ‘इंडी’ (इंडिया) गठबंधन का संबंध है, इस गठबंधन का लोगों से कुछ लेना देना नहीं है। यह गठबंधन लोकतंत्र के लिए खतरनाक है क्योंकि यह महज परिवारों का गठबंधन है। आप किसी भी पार्टी को लें, कांग्रेस भाई-बहन की पार्टी है, समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की पार्टी है.. यह यादव परिवार की पार्टी है, राजद लालू यादव के परिवार की पार्टी है।”
त्रिपाठी ने कहा, “सबका साथ, सबका विकास महज हमारा मंत्र नहीं है, बल्कि यह हमारी प्रतिबद्धता है। हम समाज, देश के लोगों के लिए काम करते हैं और सबसे बड़ी चीज हमारे यहां परिवारवाद नहीं है।”
त्रिपाठी के प्रतिद्वंदी उज्ज्वल रमण सिंह, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और इलाहाबाद से दो बार सांसद रहे रेवती रमण सिंह के बेटे हैं।
यह पूछे जाने पर कि राजनीतिक विश्लेषक इलाहाबाद में इस चुनाव को दो राजनीतिक विरासतों के बीच लड़ाई के तौर पर देखते हैं, त्रिपाठी ने कहा, “उनका परिवार अच्छे कार्य के जरिए लोगों पर प्रभाव डालता रहा है ना कि गुंडागर्दी के जरिए।”
उन्होंने कहा, “प्रभाव दो तरह का होता है। एक वह जो आप अपने कार्य, लोगों का दिल जीतने के लिए अपनी शैली के जरिए पैदा करते हैं और लोग सहज भाव से आपका सम्मान करते हैं। दूसरा प्रभाव है जब आप गुंडागर्दी में लिप्त रहकर लोगों पर दबाव बनाते हैं। तब लोग आपका सामना करने से डरते हैं, लेकिन पीठ पीछे वे कुछ और करते हैं। इसलिए, मेरे पिता और उनके पिता के बीच यह एक बड़ा अंतर है।”