बीजद को नौकरशाह चला रहे, मुख्यमंत्री कार्यालय में बाहरी लोग ओडिशा पर कब्जे की कोशिश में: प्रधान

संबलपुर (ओडिशा),  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया है कि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) को पहली बार जनता के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है और मुख्यमंत्री कार्यालय में ‘‘बाहरी लोगों’’ का एक समूह राज्य पर कब्जा करना चाहता है।

संबलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे शिक्षा मंत्री प्रधान ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि भाजपा ने बीजद के साथ गठबंधन करने का कोई प्रयास किया।

प्रधान 15 साल के अंतराल के बाद चुनाव मैदान में लौट रहे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘उड़िया पहचान खतरे में है और यह चुनाव पूरी तरह से उसी पहचान के बारे में है।’’

उन्होंने पटनायक के करीबी सहयोगी वी के पांडियन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बीजद को नौकरशाहों का एक समूह चला रहा है… मुख्यमंत्री कार्यालय में एक समूह है जिसमें कुछ गैर-उड़िया अधिकारी हैं, वे सभी साथ आए और उन्होंने सोचा कि चलो, मुख्यमंत्री की अक्षमता का फायदा उठाएं, चलो, पिछले दरवाजे से सेंध लगाते हैं। उनका इरादा राज्य पर कब्जा करने का है।’’

प्रधान ने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही खतरनाक चलन है और जनता जमीनी स्तर पर उनकी निष्क्रियता के अलावा इसी बात से नाराज है।’’

मंत्री ने कहा कि यह पहली बार है कि अब तक लोकप्रिय रहे मुख्यमंत्री को जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

ओडिशा में विधानसभा और आम चुनाव एक साथ हो रहे हैं।

अगर नवीन पटनायक की पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव जीत जाती है तो पटनायक भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बन जाएंगे। ओडिशा में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड पहले से उनके नाम पर है।

हालांकि, प्रधान ने कहा कि पटनायक ने दो दशक से अधिक के शासनकाल में राज्य के विकास के लिए कुछ ठोस नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पटनायक पिछले 24 साल से मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के प्रभारी हैं, लेकिन यह सरकार सभी मोर्चों पर, चाहे वह सामाजिक संरचना हो, बुनियादी ढांचा हो, अर्थव्यवस्था हो, रोजगार सृजन हो… पूरी तरह विफल रही है। बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण राज्य से बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।’’

प्रधान ने कहा, ‘‘उनके पास कोई सोच या राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं है… उनमें समाज के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है। युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों, समाज के विभिन्न वर्गों में भारी गुस्सा है।’’

उन्होंने दावा किया कि लोग मतदान के दौरान बीजद को करारा जवाब देकर सबक सिखाएंगे।

जब उनसे पूछा गया कि यदि इतनी समस्याएं हैं तो बीजद लगातार पांच बार जनादेश कैसे हासिल कर पाई, तो प्रधान ने कहा, ‘‘कभी तो सब्र का बांध टूटता है। वर्ष 2024 का चुनाव उनकी लोकप्रियता की असल परीक्षा होगा…जल्द ही बीजद राज्य में दूरबीन से भी नजर नहीं आएगी।’’

प्रधान (54) ने चुनाव से पहले भाजपा और बीजद के बीच गठबंधन को लेकर कोई बातचीत होने से इनकार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन को लेकर हमारी ओर से कोई ‘चर्चा’ नहीं थी… उनके साथ गठबंधन करने की हमारी कोई मजबूरी नहीं थी… कई राष्ट्रीय मुद्दों पर विभिन्न दलों ने हमारा समर्थन किया है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है कि हम उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि अगर पार्टी ओडिशा में सत्ता में आती है तो क्या वह भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, प्रधान ने कहा, ‘‘अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और पार्टी यह बाद में तय करेगी कि किसे जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा।’’

प्रधान ने बृहस्पतिवार को लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा के संबलपुर से नामांकन पत्र दाखिल किया था।

सत्ता में आने पर भाजपा द्वारा संविधान बदलने संबंधी विपक्ष के आरोपों पर प्रधान ने कहा, ‘‘कांग्रेस डरी हुई है… उनके नेतृत्व को कई बार ‘लॉन्च’ किया गया, उसकी कई बार फिर से ‘पैकेजिंग’ की गई और उन्हें केवल हार का सामना करना पड़ा है। वे अब हर तरह का प्रयास कर रहे है, जैसे ‘डीपफेक’ वीडियो का इस्तेमाल करना, ‘एआई’ का गलत इस्तेमाल करना, इस प्रकार के बयान देना लेकिन जनता उनके कामों को जानती है और कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में है।’’