नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) देश में पारा चढ़ने के साथ बिजली की अधिकतम मांग मई में 235 गीगावाट के आसपास बनी हुई है। गर्मी बढ़ने और लू चलने के साथ मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर एयर कंडीशनर और कूलर के उपयोग के कारण बिजली की मांग बढ़ी है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग छह मई को दिन में 233 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) पर पहुंच गयी। एक साल पहले इस दौरान यह 221.42 गीगवाट थी।
मंत्रालय ने महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि मई में दिन के दौरान बिजली की मांग 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट तक पहुंच जाएगी। वहीं जून, 2024 में दिन के दौरान इसके 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट रहने की संभावना है।
पिछले सप्ताह, 18 मई को बिजली की अधिकतम मांग 229.57 गीगावाट तक पहुंच गई, जबकि 15, 16 और 17 मई को यह लगभग 226 गीगावाट थी।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि मई में गर्मी बढ़ने के कारण बिजली की मांग और बढ़ेगी। इसका कारण गर्मी से राहत दिलाने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक जून को केरल तट पर पहुंचने की संभावना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम मानसून लगभग पूरे देश में फैलते हुए जून के अंत तक दिल्ली पहुंचता है। इससे बिजली की मांग अगले महीने भी अधिक रहने का अनुमान है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल मार्च में अनुमान लगाया था कि अल नीनो की स्थिति कम से कम मई तक जारी रहने की संभावना के साथ भारत में इस साल अधिक गर्मी और लू वाले दिन होंगे।
विभाग के अनुसार, मार्च से मई तक पूर्वोत्तर भारत, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, दक्षिण पश्चिम प्रायद्वीप और पश्चिमी तट को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में लू के दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।
सोमवार को जारी मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान के ज्यादातर स्थानों और पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों तथा पूर्वी मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 43 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।