मजबूरी में साउथ जा रहे हैं अक्षय कुमार

एक्‍टर अक्षय कुमार ने अपनी एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ के बाद तेलुगु इंडस्ट्री में डेब्यू की पूरी तैयार कर ली है। रिपोर्ट के अनुंसार वह विष्णु मंचू की माइथोलॉजिकल फिल्म ‘कन्नप्पा’ में नजर आएंगे।

फिल्‍म में उनके साथ साउथ सिनेमा के धुरंधर प्रभास, मोहनलाल मोहन बाबू, सरत कुमार, ब्रह्मानंदम नजर आएंगे।  फिल्म की कहानी एक ऐसे क्रूर योद्धा कन्नप्पा के बारे में है जो भगवान शिव का परम भक्त बन जाता है। फिल्‍म को मुकेश कुमार सिंह डायरेक्ट करने वाले है।    

इस फिल्म को बड़े स्तर पर बनाने के लिए हॉलीवुड सिनेमेटोग्राफर शेल्डन चाऊ, एक्शन डायरेक्टर केचा खम्फकडी को अनुबंधित किया गया है। वहीं, फिल्म की टीम से प्रभु देवा भी जुड़े हैं।

गौरतलब है कि अक्षय कुमार टाइगर श्रॉफ, मानुषी छिल्लर और अलाया एफ की हालिया रिलीज फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस करने के बाद, अचानक बैठ गई। और इस तरह लागत के मुकाबले कमाई को देखते हुए फिल्‍म को फ्लॉप माना गया।

’सौगंध’ (1991) से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले, अक्षय कुमार को ’खिलाड़ियों का खिलाड़ी’ (1996) से पहचाना जाने लगा। उसके बाद उनके करियर में अप और डाउन्‍स आते रहे।

उनके करियर में एक दौर ऐसा आया था जब उनकी लगातार 16 फिल्में फ्लॉप हुई थी लेकिन उसके बाद जब उन्हें कामयाब मिलनी शुरू हुई, तब  उन्‍होंने कई सुपरहिट फिल्में भी दीं।

एक बार फिर अक्षय कुमार की पिछली कईं फिल्में एक के बाद एक बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरीं। 2022 में अक्षय की ‘बच्चन पांडे’ ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘रामसेतु’ जैसी सारी फ्लॉप रही थीं। पिछल साल उनकी रिलीज फिल्‍म ‘सेल्फी’ और ‘मिशन रानीगंज’ बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं।

इस तरह अचानक अक्षय कुमार के करियर का ग्राफ काफी नीचे आ गया हालांकि फ्लॉप फिल्में देने के बावजूद अक्षय कुमार लगातार मेहनत कर रहे हैं।    

फिल्‍मों में मिल रही लगातार नाकामी के बाद इस साल जनवरी में उनके पॉलिटिक्‍स में आने की चर्चाओं ने खूब जोर पकड़ा। लेकिन अब जबकि आम चुनाव 2024 के दो फेस की वोटिंग खत्‍म हो चुकी है, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।

और इस तरह अब माना जा रहा है कि अक्षय कुमार ने हार मानने के बजाए फिर से उठ खर खड़े होते हुए अपनी लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया है। बॉलीवुड के साथ साथ साउथ जाकर वहां की फिल्‍में करने के घटनाक्रम को उनकी इसी मजबूरी के तौर पर देखा जा रहा है।