फिल्म ‘थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक’ (2008) से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली टेलीविजन और फिल्म अभिनेत्री ज्योति गोबा ‘इडियट बॉक्स’ (2010) ‘टेक इट ईज़ी’ (2015), ‘भोला’ (2023) जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं।
ज्योति ने ‘मात पिता के चरणों में स्वर्ग’ (2009-2010) से छोटे पर्दे पर करियर शुरू किया। इसके बाद अब तक वह ‘लव मैरिज या अरेंज्ड मैरिज’ (2012), ‘फिर सुबह होगी’ (2012) ‘अमिता का अमित’ (2013), ‘एक मुट्ठी आसमान’ (2013), ‘बड़ी देवरानी’ (2015), ‘एजेंट राघव-क्राइम ब्रांच’ (2015), ‘कवच…काली शक्तियों से’ (2016), ‘कसम तेरे प्यार की’ (2016) और ‘नागिन 4’ (2019) ‘कथा अनकही’ (2022-2023), ‘कयामत से कयामत तक’ (2024) जैसे कई टेलीविजन शो में अभिनय कर चुकी है ।
वर्तमान में, वह स्टार प्लस के शो ‘इमली’ (2020-2024) में अनुजा चतुर्वेदी और ‘दो चुटकी सिंदूर’ (2023-2024) में जया पांडे की भूमिका निभा रही हैं।
फिल्मों और टीवी शोज में काम कर चुकी ज्योति ‘कोटा फैक्ट्री’ (2019) ‘स्टेट ऑफ सीक 26/11’ (2020) और ‘कफस’ (2023) जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।
अपने पति से अलग हो चुकी ज्योति, जुड़वा बच्चों की मां हैं। ज्योति के एक्ट्रेस बनने का किस्सा बड़ा ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि पति से अलग होने के बाद ज्योति अपने बेटों को टीवी विज्ञापन में देखने का सपना लिए, बेटों के लिए विज्ञापन फिल्मों में काम मांगने, किसी ऑडिशन में पंहुची थीं। लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। कास्टिंग डायरेक्टर ने उनके बेटों को तो कास्ट नहीं किया, लेकिन उन्हैं एक्टिंग का ऑफर दे दिया।
पहले ज्योति ने थोड़ा डर और हिचकिचाहट महसूस की, लेकिन उसके बाद वह तैयार हुईं और फिर यह सिलसिला कुछ इस तरह चला कि ज्योति ने 12 साल के करियर में लगभग 600 एड किए।
एड फिल्मों के जरिए अपनी एक खास पहचान बना लेने के बाद अचानक उनके करियर पर विराम लग गया । एड एजेंसी वालों को लगने लगा कि ज्योति लगभग हर तरह के ऐड में नजर आ चुकी हैं, ऐसे में ज्योति के बजाए वह नए टेलेंट को मौका देने के लिए उत्सुक नजर आने लगे।
कहते हैं कि इंसान के लिए एक दरवाजा बंद होता है, तो दूसरा खुल जाता है। ऐसा ही कुछ ज्योति गोबा के साथ भी हुआ। ज्योति ने हार नहीं मानते हुए टीवी और फिल्मों के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दीं।
और इस तरह ज्योति को पहली फिल्म ‘थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक’ (2008) और पहला शो ‘मात पिता के चरणों में स्वर्ग’ (2009-2010) ‘माता पिता के चरणों में स्वर्ग’ मिले। उसके बाद उनकी किस्मत कुछ इस तरह चमकी कि, उन्हें लगातार फिल्मों और शोज के ऑफर मिलने शुरू हो गए।