बुलंदशहर (उप्र) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीतने से रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर में गुर्जर समाज की जगह क्षत्रिय समाज का उम्मीदवार चुना क्योंकि यहां क्षत्रिय समाज की काफी तादाद है।
बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद में गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने गुर्जर समाज की जगह क्षत्रिय समाज से राजेन्द्र सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाने पर सफाई दी।
भाजपा ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर डॉ. महेश शर्मा (ब्राह्मण) और सपा ने डॉ. महेंद्र सिंह नागर (गुर्जर) को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बसपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्धनगर से गुर्जर समाज के सतवीर नागर को टिकट दिया था।
बसपा प्रमुख ने कहा, ”हमने पिछले कई लोकसभा चुनाव में यहां से गुर्जर समाज को टिकट दिया जबकि दूसरी पार्टी ने भी गुर्जर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिस कारण वोट बंटता रहा और भाजपा ने फायदा उठाया।”
मायावती ने कहा, ”भाजपा यहां से लगातार कई बार चुनाव जीतती रही है इसलिए फैसला लिया गया कि चुनाव में भाजपा को जीतने से रोकने के लिए गुर्जर समाज से उम्मीदवार न खड़ा कर क्षत्रिय समाज से उम्मीदवार चुना जाए।”
उन्होंने कहा, ”इस सीट पर दूसरे दल से क्षत्रिय समाज का उम्मीदवार मैदान में नहीं है।”
बसपा ने गाजियाबाद में भी क्षत्रिय समाज के नंदकिशोर पुंडीर को उम्मीदवार बनाया है, जहां भाजपा ने क्षत्रिय समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री (सेवानिवृत्त) जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया है।
मायावती ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर संदेह जाहिर करते हुए दावा किया कि अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए तो इस बार भाजपा केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस नहीं आने वाली।
गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और गाजियाबाद के अलावा अमरोहा, बागपत, मेरठ, अलीगढ़ और मथुरा कुल आठ लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।