जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के मानवाधिकार होने को लेकर यूरोपीय अदालत ने पहली बार फैसला सुनाया

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स्ट्रासबर्ग (फ्रांस),  यूरोप की सर्वोच्च मानवाधिकार अदालत ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने का अंतरराष्ट्रीय दायित्व पूरा करने के लिए देशों को बाध्य किए जाने संबंधी छह पुर्तगाली युवाओं द्वारा दायर मामले को मंगलवार को खारिज कर दिया, लेकिन इसी प्रकार के कदम उठाए जाने का आग्रह करने वाली स्विट्जरलैंड की महिलाओं के एक समूह का समर्थन किया।

यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने एक फ्रांसीसी मेयर, छह पुर्तगाली युवाओं और ‘सीनियर विमेन फॉर क्लाइमेट प्रोटेक्शन’ (जलवायु संरक्षण की वकालत करने वाली वरिष्ठ महिलाओं) की 2,000 से अधिक सदस्यों द्वारा दाखिल उन तीन मामलों पर फैसला सुनाया जिनमें कहा गया था कि उनकी सरकारें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहीं।

तीनों वादियों के वकीलों को स्ट्रासबर्ग अदालत द्वारा ये फैसले सुनाए जाने की उम्मीद थी कि देशों की सरकारों का यह कानूनी कर्तव्य है कि पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप, ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना सुनिश्चित किया जाए, लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय की अध्यक्ष सियोफ्रा ओ’लेरी ने मिले-जुले निर्णय सुनाए।