नयी दिल्ली, कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नहीं बनना चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पूरी की जाएगी।
अमेरिकी संस्था ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। इस कारोबारी समूह ने आरोपों को खारिज किया था।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल ‘मोदानी’ समूह पर शेयरों के मूल्यों में हेराफेरी और प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे। सेबी को 14 अगस्त, 2023 तक इन आरोपों पर एक रिपोर्ट सौंपनी थी। बार-बार समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग के बाद उच्चतम न्यायालय ने सेबी को तीन अप्रैल 2024 तक का समय दिया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सेबी आज अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी। वह अब समय सीमा बढ़ाने की मांग नहीं करेगी। सेबी को दूसरा एसबीआई नहीं बनना चाहिए। उसे वही गलती नहीं दोहराना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी जानते हैं कि सेबी का अधिकार क्षेत्र सीमित है। सिर्फ़ एक जेपीसी ही मोदानी घोटाले की सच्चाई को पूरी तरह से सामने ला सकती है। ‘हम अडानी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री से पूछे गए 100 सवालों की श्रृंखला में हमने इसकी अहमियत बताते हुए लगातार जेपीसी की मांग की थी।’’
रमेश ने कहा कि अगले तीन महीने के बाद जेपीसी एक वास्तविकता होगी।