सांगली,कांग्रेस विधायक विश्वजीत कदम ने बुधवार को महा विकास आघाडी (एमवीए) से अनुरोध किया कि वह सांगली लोकसभा सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) को देने के फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र को उनकी पार्टी का गढ़ करार दिया।
तीन दलों के विपक्षी गुट एमवीए ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे के समझौते पर मुहर लगा दी, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) को 21 सीट मिलीं और कांग्रेस 17 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने पर सहमत हुई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) 10 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
यह समझौता तब हुआ जब कांग्रेस ने विवादास्पद सांगली और भिवंडी सीट पर अपना दावा छोड़ दिया, जो अब क्रमशः शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को आवंटित किया गया है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कदम ने कहा कि सांगली क्षेत्र आजादी के बाद से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। सांगली जिले की पलुस-काडेगांव विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कदम ने कहा, ‘‘हमने ईमानदारी से कांग्रेस के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को यह सुनिश्चित करने के लिए मनाने की कोशिश की कि सांगली सीट पार्टी के पास रहे।”
सांगली संसदीय क्षेत्र 1962 और 2014 के बीच कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन राकांपा से भाजपा में शामिल हुए संजयकाका पाटिल ने 2014 में इस सटी पर जीत हासिल की और 2019 में भी इसे बरकरार रखा।
शिवसेना (यूबीटी) ने चंद्रहार पाटिल को सांगली सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट के लिए पांच चरणों में 19 अप्रैल से 20 मई के बीच चुनाव होंगे और मतगणना चार जून को होगी।