नीबू आमतौर पर नीबू, निम्बू, निम्बूक, लेम्ब, तिलम्बूक, लिबू तथा लिमेने जैसे नामों से विभिन्न क्षेत्रों में जाना जाता है। चमकीले कवच वाला यह फल तीव्र गंध वाला, द्विशाखी, ससीमाक्ष पृथकदली तथा कपाटीय सम्पुटक वैज्ञानिक विशेषताएं लिए हुए होता है। यह उष्ण कटिबंधीय तथा शीतोष्ण भागों में पाया जाता है। वैज्ञानिक अनुमानों के अनुसार विश्व भर में इसकी लगभग 1300-1400 प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियां हैं- साइट्रस एसीडा, साइट्रस डिकुमाना, साइट्रस मेडिका (लिमोनिया) साइट्रस लिमिट्ïटा। प्रत्येक घर में उपयोग किया जाने वाला यह फल वातनाशक, पाचक तथा पित्त-कफ, संतुलक होता है। घरों में आमतौर पर सिरका, अचार एवं इसका रस उपयोग में लाया जाता है। औषधीय गुण रखने वाला यह फल निम्न उपयोग में आता है- – दाद में खुजला कर यदि नींबू रस का लेपन करें तो दाद अतिशीघ्र ठीक हो जाएगी। – बिजौरे की जड़ का रस एवं सेंधानमक का मिश्रण का लगभग माह भर सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है। – दांत दर्द में नीबू रस एवं लौंग के चूर्ण का मंजन अच्छा फायदा पहुंचाता है। – चेहरे पर नींबू रस के साथ शक्कर या मलाई का लेपन करने से चेहरे पर चमक आती है एवं दाग मिटते हैं। – पेचिश की शिकायत के दिनों में नींबू रस का पानी के साथ सेवन लाभप्रद होता है। – जिन्हें सर्दी होने का डर बना रहता है वे नीबू का रस कुनकुने पानी में ग्रहण कर लाभ उठा सकते हैं। – उल्टी होने पर नीबू का रस, इलायची तथा पानी का सेवन करना फायदे मंद होता है। – नीबू रस हृदय रोगियों को लाभप्रद औषधि है। नीबू के छिलके का चूर्ण एवं सेंधानमक का मंजन दांत की तमाम बीमारियों में लाभप्रद है। पायरिया रोगियों को नीबू का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। – जुकाम होने पर कुनकुने पानी में नीबू का रस व हल्का नमक मिलाकर सेवन करने से जुकाम शीघ्र ठीक हो जाता है। – कुचला चूर्ण एवं नीबू के सिरके के लेप से दाद पर अतिशीघ्र लाभ होता है। – दांत साफ करने के लिए नीबू का रस व हींग की मालिश करने से दांत साफ व चमकदार बनते हैं। – नकसीर होने की दशा में नाक में नींबू का रस टपकाने से निकलता खून तुरंत बंद हो जाता है। – नीबू रस की सहायता से फाड़े गए दूध के सेवन से कैसे भी दस्त हों बंद हो जाते हैं। स्वाद के लिए शक्कर मिला सकते हैं। – नीबू रस व पानी का सेवन सिर चकराने में अच्छा लाभ पहुंचाता है।