नयी दिल्ली, सीईपीए परिषद के निदेशक अहमद अलजनेबी ने बुधवार को कहा कि मई 2022 में मुक्त व्यापार समझौते के लागू होने के बाद से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दोनों देश 2030 तक गैर-तेल व्यापार में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को पार करने की राह पर हैं।
यूएई-भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) को जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मौके पर पेश किया गया था। दोनों देशों ने मई 2022 में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) को लागू किया था।
अलजनेबी ने कहा कि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर के बाद से यूएई-भारत व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ एक मई 2022 को सीईपीए लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार करीब 15 प्रतिशत बढ़ गया है। दोनों देश 2030 तक गैर-तेल व्यापार में 100 अरब अमरीकी डॉलर हासिल करने के लक्ष्य को पार करने की राह पर हैं।’’
अलजनेबी ने जयपुर में व्यापार गोलमेज बैठक में यह बात कही।
दवा, रत्न व आभूषण, पर्यटन, कपड़ा, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन कल-पुर्जों और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों के राजस्थान स्थित उद्यमों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसे भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से यूएई-भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) द्वारा आयोजित किया गया।
यह भारतीय उद्यमों के लिए यूएई के साथ अपने जुड़ाव का विस्तार करने के लिए नए मार्ग तथा अवसर तलाशने के एक मंच के रूप में काम करता है।
यूएई, भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य, तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और चौथा सबसे बड़ा निवेशक है। 2023 में द्विपक्षीय व्यापार कुल मिलाकर 85 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है और भारत में यूएई का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़कर 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
अलजनेबी ने कहा कि यूआईसीसी का काम यह सुनिश्चित करना है कि यूएई और भारतीय व्यवसायों (चाहे उनका आकार या क्षेत्रीय केंद्र कुछ भी हो) के पास सीईपीए से लाभ उठाने के लिए समावेशी तथा खुले मार्ग हों।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की अत्यधिक विविध अर्थव्यवस्था और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों के विकास के लिए उसे एक उचित गंतव्य बनाते हैं।
राजस्थान ने 2023 में यूएई के साथ 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार किया था।