डीएनडी फ्लाईओवर में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी आईएलएंडएफएस

नयी दिल्ली, ढांचागत वित्त प्रदाता आईएलएंडएफएस ने नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाईओवर का परिचालन करने वाली कंपनी एनटीबीसीएल में 26 प्रतिशत की अपनी समूची हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।

आईएलएंडएफएस ने डीएनडी फ्लाईओवर में अपनी हिस्सेदारी के मौद्रीकरण का फैसला किया है। इस फ्लाईओवर को वर्ष 2001 में दिल्ली से नोएडा तक निर्बाध आवागमन मुहैया करने वाली सड़क के रूप में बनाया गया था।

इस फ्लाईओवर के स्वामित्व एवं रखरखाव का जिम्मा नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) के पास है। एनटीबीसीएल में आईएलएंडएफएस की करीब 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूचीबद्ध कंपनी के बाकी शेयर निवेशकों के पास हैं।

सूत्रों ने कहा कि आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने इस सड़क परियोजना में अपना हिस्सा बेचने के लिए एक सार्वजनिक प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया है और जल्द ही इस पहल के तहत बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।

ढांचागत क्षेत्र से जुड़ी कंपनी के प्रवक्ता ने फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘सड़क संपत्तियों का मौद्रीकरण स्वीकृत समाधान ढांचे के अनुरूप है।’’

सूत्रों ने बताया कि हिस्सेदारी बिक्री से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कंपनी अपना कर्ज बोझ कम करने में करेगी।

अब तक आईएलएंडएफएस ने 57,000 करोड़ रुपये का कुल कर्ज समाधान किया है और समूह की कंपनियों पर 36,000 करोड़ रुपये के कुल कर्ज को वह चुका चुकी है। इसमें अंतरिम वितरण के तहत कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान भी शामिल है।

एनटीबीसीएल शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी है। वर्ष 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डीएनडी पर टोल को खत्म कर दिया था जिससे एनटीबीसीएल को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी हुई है।